नागपुर में जन्मे राजकुमार हिरानी राष्ट्रीय पुरस्कार और फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार विजेता
हिन्दी फ़िल्मों के निर्देशक,निर्माता,पटकथा लेखक
राजकुमार हिरानी ने राष्ट्र नहीं अपीतु संपूर्ण विश्व में अपनी कार्यकुशलता से विदर्भ को गोरान्वित किया है। राजकुमार हिरानी (सामान्यतः राजु हिरानी के रूप में जाने जाते हैं।) का जन्म नागपुर के एक सिंधी परिवार में हुआ। उनके पिता सुरेश हिरानी नागपुर में एक टंकण (टाइपिंग) संस्थान चलाते थे । हिरानी परिवार भारत के विभाजन के समय भारत आया उस समय सुरेश हिरानी की आयु मात्र १४ वर्ष थी। राजकुमार हिरानी की शिक्षा सेंट फ्रांसिस देसलेस हाई स्कूल, नागपुर, महाराष्ट्र से आरम्भ की। राजकुमार को कभी अच्छे अंक नहीं प्राप्त होते थे अतः अभियांत्रिकी अथवा चिकीत्सा के क्षेत्र के पाठ्यकर्मों में दाखिला नहीं मिला अतः उन्होंने अपनी स्नातक की शिक्षा वाणिज्य में पूर्ण की। हिरानी ने व्यवसाय में अपने पिता की सहायता करना आरम्भ की लेकिन वो हिन्दी फ़िल्मों में अभिनेता बनना चाहते थे।
उनके पिता ने नागपुर में एक टाइपिंग इंस्टीट्यूट सिर्फ २ टाइपराइटर के साथ शुरू किया। कुछ महीनों में बाद उनके पिता ने लगभग १००० छात्रों को १६ बैचों के साथ प्रशिक्षण दिया। हालांकि, टाइपराइटरों को जल्द ही कंप्यूटर द्वारा बदल दिया गया था और इसकी वजह से उनका व्यापार बंद होने की कगार पर आ गया था।
हालांकि हिरानी के माता-पिता चाहते थे कि वह एक चार्टर्ड एकाउंटेंट बनें, लेकिन उनका थिएटर और अभिनय के प्रति अधिक लगाव था। अपने कॉलेज के दिनों के दौरान, वह हिंदी रंगमंच के क्षेत्र में सक्रिय रूप से भागीदार थे।
एक अभिनेता बनने के लिए अपने बेटे के उत्साह को देखने के बाद, उनके माता-पिता ने राजकुमार के सपने को पूरा करने के लिए हर तरह का संभव प्रयास किया। परिणामस्वरूप, उन्होंने हिरानी को मुंबई के एक प्रतिष्ठित अभिनय स्कूल में भेज दिया। हालांकि, वह स्कूल के पर्यावरण में पूरी तरह से ढल नहीं पाए और कुछ दिनों बाद वापस अपने घर आ गए।
हिरानी ने फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, पुणे में निर्देशक पाठ्यक्रम के लिए आवेदन किया। हालांकि उनके चयन की संभावना काफी कम थी, क्योंकि निर्देशक पाठ्यक्रम में बहुत से छात्रों ने आवदेन किया था। उन्होंने एक समझौता करते हुए संपादन के पाठ्यक्रम में दाखिला लिया। अंत में हिरानी ने छात्रवृत्ति अर्जित की जिसकी वजह से उनके पिता के ऊपर उनकी पढ़ाई को ले कर वित्तीय बोझ कम हो गया।
स्नातक होने के बाद, हिरानी ने फिल्म संपादक बनने के लिए कई सालों तक मुंबई में संघर्ष किया। हालांकि उन्हें कोई सफलता नहीं मिली, फिर वह विज्ञापन के क्षेत्र में स्थानांतरित हो गए, जहां उन्होंने धीरे-धीरे खुद को व्यावसायिक विज्ञापनों के निर्देशक के रूप में स्थापित किया। हिरानी ने खुद भी कई विज्ञापनों में अभिनेय किया।राजकुमार ने कई सालों तक फिल्म एडिटर के तौर पर अपना भाग्य आजमाया। इस दौरान हुए उनके बुरे अनुभवों ने उन्हें विज्ञापनों की तरफ रूख करने को मजबूर किया और एडवरटाइजिंग फिल्मों में उन्होंने अपने को निर्माता-निर्देशक के तौर पर स्थापित किया। वे फेवीकोल के विज्ञापन में भी दिखाई दिए। उन्होंने एडवाटाइजिंग इंडस्ट्री में अच्छा काम किया लेकिन उन्हें तो फिल्में बनानी थीं, इस वजह से उन्होंने विज्ञापनों से ब्रेक लिया और विधु विनोद चोपड़ा के साथ काम करना शुरू किया।
बॉलीवुड में प्रवेश करने का उनका सपना जल्द ही वास्तविक रूप में पूरा हो गया जब उन्हें विधु विनोद चोपड़ा ने ‘१९४२ :अ लव स्टोरी’ फिल्म के प्रोमो और ट्रेलरों पर काम करने के लिए बुलाया। एक संपादक के रूप में हिरानी की पहली बड़ी बजट वाली फिल्म ‘मिशन कश्मीर(२०००) थी।
हिरानी द्वारा निर्देशित पहली फिल्म ‘मुन्ना भाई एमबीबीएस (२००३ ) दुनिया भर में एक सफल फिल्म बन गई। करीब १ करोड़ रुपये के बजट वाली फिल्म ने घरेलू बाजार से २ .५ करोड़ रुपए संचित किये।
उन्होंने अपनी तीन फिल्मों; लगे रहो मुन्ना भाई (२००६ ), थ्री इडीयट्स (२००९ ) और पीके (२०१४ ) की सफलता के बाद भी एक निर्देशक के रूप में अपना कार्य जारी रखा। जबकि थ्री इडीयट्स ने उस समय सभी मौजूदा घरेलू और विदेशी संग्रह रिकॉर्ड को तोड़ दिए थे, पीके उसे भी ज्यादा कमाई वाली फिल्म बन गई, जिसने बॉक्स ऑफिस पर ५०० करोड़ रुपये से अधिक कमाई की।
जहां तक पुरस्कारों का सवाल है, राजू हिरानी के पास चार राष्ट्रीय पुरस्कार हैं और उनके खाते में 11 फिल्मफेयर पुरस्कार हैं।
एक थिएटर प्रशंसक और एक समर्पित भाई, हिरानी ने अपनी बहन के पहले नाटक शो “ग्रोइंग अप”का निर्माण किया। जिसमें किशोरावस्था के बारे में बताया गया है।
पत्नी : मनजीत हिरानी (एयर इंडिया में पायलट)
बेटा :वीर हिरानी (फिल्म निर्देशन की पढ़ाई कर रहा है)
भाई:संजीव हिरानी (संयुक्त राज्य अमेरिका में एक कंप्यूटर सलाहकार के रूप में काम करते हैं)
बहन :अंजू किशनचंदानी (पत्रकार)
पसंदीदा अभिनेता :दिलीप कुमार, संजय दत्त, आमिर खान, बोमन ईरानी
पसंदीदा फिल्म बॉलीवुड : आनन्द (१९७१ )
पसंदीदा खेल :क्रिकेट
मुन्ना भाई एम बी बी एस के लिए
2004: नेशनल फिल्म अवार्ड फॉर बेस्ट पॉपुलर फिल्म प्रोवाइडिंग व्होलेसम एंटरटेनमेंट
2004: फिल्मफेयर क्रिटिक अवार्ड फॉर बेस्ट मूवी
2004: सर्वश्रेष्ठ पटकथा के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार
2004: सर्वश्रेष्ठ संपादन के लिए आईफा पुरस्कार
2004: सर्वश्रेष्ठ पटकथा के लिए आईफा पुरस्कार
लगे रहो मुन्ना भाई के लिए
2007: नेशनल फिल्म अवार्ड फॉर बेस्ट पॉपुलर फिल्म प्रोवाइडिंग व्होलेसम एंटरटेनमेंट
2007: सर्वश्रेष्ठ पटकथा का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार
2007: फिल्मफेयर क्रिटिक अवार्ड फॉर बेस्ट मूवी
2007: फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ कहानी पुरस्कार
2007: फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ संवाद लेखन पुरस्कार
2007: सर्वश्रेष्ठ संवाद के लिए आईफा पुरस्कार
2007: सर्वश्रेष्ठ कहानी के लिए आईफा पुरस्कार
2007: बॉलीवुड मूवी अवार्ड - सर्वश्रेष्ठ निर्देशक
2007: स्टारडस्ट अवार्ड फॉर दरें डायरेक्टर
2007: सर्वश्रेष्ठ फिल्म के लिए स्क्रीन अवार्ड
2007: सर्वश्रेष्ठ कहानी के लिए स्क्रीन अवार्ड
2007: सर्वश्रेष्ठ सम्पादन के लिए स्क्रीन अवार्ड
2007: सर्वश्रेष्ठ संवाद के लिए जी सिने अवार्ड
2007: सर्वश्रेष्ठ पटकथा के लिए जी सिने अवार्ड
2007: सर्वश्रेष्ठ कहानी के लिए जी सिने अवार्ड
2007: सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म, सर्वश्रेष्ठ कहानी और सर्वश्रेष्ठ संवाद के लिए ग्लोबल इंडियन फ़िल्म पुरस्कार[3][4]
2006: फिल्म और टेलीविजन में उत्कृष्टता के लिए प्रसारण भारत पुरस्कार (ब्रॉडकास्ट इंडिया 2006 प्रदर्शनी एवं संगोष्ठी का एक भाग) - सर्वश्रेष्ठ निर्देशक
थ्री इडीयट्स के लिए
2010: नेशनल फिल्म अवार्ड फॉर बेस्ट पॉपुलर फिल्म प्रोवाइडिंग व्होलेसम एंटरटेनमेंट
2010: सर्वश्रेष्ठ निर्देशक के लिए फिल्मफेयर अवार्ड
2010: सर्वश्रेष्ठ संवाद के लिए फिल्मफेयर अवार्ड
2010: सर्वश्रेष्ठ कहानी के लिए फिल्मफेयर अवार्ड
2010: सर्वश्रेष्ठ पटकथा के लिए फिल्मफेयर अवार्ड
2010: सर्वश्रेष्ठ निर्देशक के लिए स्टार स्क्रीन अवार्ड
2010: सर्वश्रेष्ठ पटकथा के लिए स्टार स्क्रीन अवार्ड
2010: सर्वश्रेष्ठ संपादन के लिए स्टार स्क्रीन अवार्ड
2010: सर्वश्रेष्ठ संवाद के लिए स्टार स्क्रीन अवार्ड
2010: सर्वश्रेष्ठ संपादन के लिए आईफा अवार्ड
2010: सर्वश्रेष्ठ संवाद के लिए आईफा अवार्ड
2010: सर्वश्रेष्ठ पटकथा के लिए आईफा अवार्ड
2010: सर्वश्रेष्ठ कहानी के लिए आईफा अवार्ड
2010: सर्वश्रेष्ठ निर्देशक के लिए आईफा अवार्ड
2011: 2009 की फिल्मों के लिए विशेष सम्मान के लिए अप्सरा पुरस्कार - सर्वश्रेष्ठ निर्देश
नामित
2004: सर्वश्रेष्ठ निर्देशक के लिए स्क्रीन अवार्ड - मुन्ना भाई एम बी बी एस
2004: सर्वश्रेष्ठ संपादन के लिए स्क्रीन अवार्ड - मुन्ना भाई एम बी बी एस
2004: सर्वश्रेष्ठ पटकथा के लिए स्क्रीन अवार्ड - मुन्ना भाई एम बी बी एस
2006: सर्वश्रेष्ठ निर्देशक के लिए ग्लोबल इंडियन फिल्म अवार्ड - लगे रहो मुन्ना भाई
2007: फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ निर्देशक पुरस्कार - लगे रहो मुन्ना भाई
2007: सर्वश्रेष्ठ निर्देशक के लिए स्क्रीन अवार्ड - लगे रहो मुन्ना भाई
2007: सर्वश्रेष्ठ पटकथा के लिए स्क्रीन अवार्ड - लगे रहो मुन्ना भाई
2007: सर्वश्रेष्ठ सम्पादन के लिए जी सिने अवार्ड - लगे रहो मुन्ना भाई
2007: सर्वश्रेष्ठ निर्देशक के लिए जी सिने अवार्ड - लगे रहो मुन्ना भाई
2007: आई आई एफ ए सर्वश्रेष्ठ निर्देशक पुरस्कार - लगे रहो मुन्ना भाई
2007: सर्वश्रेष्ठ पटकथा के लिए आईफा पुरस्कार - लगे रहो मुन्ना भाई
2010: सर्वश्रेष्ठ कहानी के लिए स्क्रीन अवार्ड - थ्री इडीयट्स
2010: स्टारडस्ट अवार्ड फॉर ड्रीम डायरेक्टर - थ्री इडीयट्स