Pradeep Wasnik / प्रदीप वासनिक


प्रदीप वासनिक देश में एकमात्र ऐसे ज्योतिष है, जो ताश के ५२ पत्तों के आधार पर भविष्य बताते है

हस्ताक्षर से अचूक भविष्य कथन ,बेहतर परिणाम के लिए कैसे सुधारे अपने हस्ताक्षर ? -बताते है मास्टर ऑफ़ कार्ड्स' प्रदीप वासनिक 
देश व विदेश में विशिष्ट पहचान रखने वाले प्रदीप वासनिक, जिन्हे ताश के 52 पत्तों के सहारे अचूक भविष्य बताने में महारत हासिल है तो वही मात्र हस्ताक्षर के आधार पर भी वे इंसान का स्वभाव व उसके व्यक्तित्व की एक-एक खूबियां बताने में माहिर है । सौ - दो सौ नहीं बल्कि 50 हजार से भी अधिक लोगो को ताश के पत्तों से प्रदीप वासनिक उनका भविष्यकाल, भूतकाल व वर्तमानकाल से जुडी ऐसी जानकारियां उपलब्ध करा चुके है, जिसे सुनकर लोग स्तब्ध रह गए । उनके पास अपना भविष्य पूछने वालों में बड़े-बड़े राजनेता, डॉक्टर, इंजीनियर, साइंटिस्ट, वकील, शिक्षक, प्रोफेसर्स, बिजनेसमैन, ब्रिगेडियर के अलावा खुद ज्योतिष भी आ चुके है जो उनकी विज़िटर बुक में अपनी प्रतिक्रिया दर्ज कर चुके है   

पिताजी की प्रेरणा ने दिखाई राह ....
नागपुर शहर में जन्मे वासनिक अपने इस प्रोफेशन के बारे में इस क्षेत्र को अपनाने के पीछे छिपे राज़ को उजागर करते हुए कहते है कि दरअसल, यह कला व् हुनर मुझे अपने स्व. पिताश्री मनोहरजी वासनिक के ही की प्रेरणा से ही हासिल हुई है । पिताजी रेलवे में ऑफिसर थे और ताश के पत्तों का खेल व जादू दिखाने का शौक रखते थे । इसके साथ ही उन्हें ज्योतिष का भी ज्ञान था और उनके हस्ताक्षर मोतियों की मानिंद थे । उनके सुन्दर अक्षरों की प्रशंसा पूर्व राष्ट्रपति व्ही. पि. गिरी व् पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी ने भी की थी । प्रदीप कहते है कि जब वे कक्षा ११वी में पढ़ रहे थे तब अचानक पिताजी का निधन हो गया । पिताजी के इन सभी गुणों को पहले उनके बड़े भाई प्रकाश वासनिक ने आत्मसात किया, जो रेलवे में ऑफिसर है । पिताजी व भाई की प्रेरणा से प्रदीप ने भी इसी राह पर चलने का संकल्प लिया और उसे पूरा कर दिखाया । 

एक 'किताब' जिसने तय कर दी जीवन की दिशा ....
'मास्टर्स ऑफ़ कार्ड्स', ' प्लेइंग कार्ड्स रीडिंग एक्सपर्ट व् सिग्नेचर एक्सपर्ट ' जैसी उपाधियों से विभूषित प्रदीप वासनिक का ज्योतिष का सफर वास्तविक रूप से उनकी सेवानिवृत्ति के पश्चात् ही शुरू हुआ है, लेकिन इस विद्या को सिखने व् उसे आत्मसात करने के पीछे भी एक रोचक किस्सा है । प्रदीप अपने अतीत के पृष्टो को पलटते हुए कहते है कि उनकी प्राथमिक शिक्षा चौथी तक कारपोरेशन स्कूल इंदोरा, ५वी से ८वी तक मेकोसाबाग़ क्रिश्चिन स्कूल में मराठी मिडीयम में हुई व् तत्पश्चात आगे कि पढाई अंग्रेजी माध्यम में गुरुनानक हायर सेकंडरी स्कूल तथा महाविद्यालीन शिक्षा (बी एस सी) डॉ. आंबेडकर कॉलेज (दीक्षाभूमि) से हुई । जब वे कॉलेज में पढाई कर रहे थे तब एक दिन वहां लाइब्रेरी में उन्होंने एक किताब देखि, जिसका शीर्षक था, 'ताश के पत्तों द्वारा भविष्य ' यह शीर्षक देख उन्हें लगा कि निश्चय ही इस किताब से कुछ नया सिखने को मिलेगा । जब उस किताब के पन्ने पलटने शुरू किया तो पलटते ही रह गए । पढ़ते-पढ़ते उनकी आँखों में चमक बढ़ते ही जा रही थी । उस वक़्त ज़ेरॉक्स का चलन नहीं था और किताब भी लाइब्रेरी में भी वापस जमा करना ज़रूरी था, अतः सोचा क्यों ना इस किताब की नक़ल हाथों से लिखकर ही कर ली जाये । बस फिर क्या था पूरी किताब ही एक डायरी के पन्नो पर लिख डाली , जो अब भी वासनिक ने सहेजकर रखे हुए है । वे बताते है कि इस किताब में ५२ ताश के पत्तों के अलग-अलग भविष्यफल किए हुए है । ऐसा नहीं है कि कोई भी व्यक्ति किसी भी पत्ते को निकालकर सामने वाले व्यक्ति का भविष्य बता सकता है क्योंकि इसकी भी कुछ विधि है । वासनिक इन पत्तों को प्रश्नकर्ता के हाथों में देते है और उसे मनचाहा फेटने को कहते है । इसके पश्चात् अगर महिला प्रश्नकर्ता है तो एक बेगम का व पुरुष प्रश्नकर्ता है तो एक बादशाह व एक अन्य पत्ता गद्दी से बाहर करने के बाद १३ पत्तों को निकालने को कहते है व फिर उन पत्तों के आधार पर शुरू होता है भविष्य बताने का सिलसिला, जो करीब ९९ .९  % सटीक बैठता है । विशेष बात यह है कि इनके ज्योतिष को सटीक पाकर दुबई के एक क्लाइंट ने इन्हे दो प्यारे गोल्ड की ताश की गड्डियां भेंट की है । वैसे प्रदीप के पास देश-विदेश की अनेक ताश की गड्डियां है ।
प्राइवेट जॉब से ज्योतिष तक का सफर मृदुभाषी प्रदीप वासनिक स्पष्ट वक्ता है और अपने जीवन में कुछ सिद्धांतों को लेकर चलने वाले है ।
जहाँ आज के समय में लोग एक अदद सरकारी नौकरी की तलाश में दर-दर ठोकरें खाने को लेकर दिखाई देते है और सरकारी नौकरी पाने को अपना सौभाग्य समझते है, वहीँ प्रदीप की सोच औरों से हटकर है । अपने युवाकाल से ही उन्हें सरकारी नौकरी पाने की जरा भी रूचि नहीं रही, जबकि वे अपनी योग्यता के बल पर नौकरी पा सकते थे । ग्रेजुएशन करने के बाद १९७९ में उन्होंने डंकन्स टी कंपनी में बतौर सेल्स रिप्रेजेन्टेटिव में पहला जॉब शुरू किया और औरंगाबाद गए । दो वर्षों तक यहाँ सेवा देने के बाद सीधे जबलपुर का रुख किया और वहां एक कॉस्मेटिक कंपनी ज्वाइन की और ५  वर्षों तक (१९८१  से १९८५ ) कार्य किया । इस दौरान उनका विवाह भिलाई निवासी मंजुला  से विवाह हुआ मंजुलाजी बेस्ट 'होममेकर' है । प्रदीप का कहना है कि अपनी धर्मपत्नी मंजुला का प्रोत्साहन  हर पल साथ देने की भावना का परिणाम है कि वे सदा सफलता की राह पर बढ़ते गए । शादी के पश्चात् प्रदीप नागपुर अपने गृहनगर लौटे और उसके बाद गिट्स फूड्स प्रोडक्ट्स, प्रा. लि. (मुंबई) में १० वर्षों तक बतौर सुपरवाइजर व् तत्पश्चात अहमदाबाद की निशी फ़ूड कंपनी की नागपुर ब्रांच में मैनेजर के रूप में अपनी सेवाएं दी । अंत में वे सेल्स मैनेजर के रूप में रिटायर हुए और अब पूर्णकालीन ज्योतिष सेवा में रत है ।वासनिकजी के हुनर को व्यवसायिक दिशा देने में मित्र आशीषजी सारडा नागपुर का योगदान रहा  ,आज प्रदीप वासनिक के पास जोधपुर के महाराजा परिवार के साथ ही लंदन, यूके, इंग्लॅण्ड, हॉलैंड, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, व् दुबई तक के क्लाइंट है । दूरदराज के लोग ऑनलाइन भी उनसे संपर्क कर अथवा विडिओ कालिंग द्वारा भी समस्याओं का समाधान पा सकते है । अपनी इस विद्या को वे अपनी बेटी आकांक्षा को विरासत में देने जा रहे है । आकांक्षा पोस्ट ग्रेजुएट है और चाइल्ड साइकोलोजिस्ट कॉउंसलर के रूप में सेवाएं दे रही है और 'डॉक्टरेट' की उपाधि पाने की तैयारी कर रही है । बेटा अनिकेत पुणे में है और एनिमेशन, फोटोग्राफी व इवेंट मैनेजमेंट के क्षेत्र में कार्यरत है । भविष्य में प्रदीप वासनिक 'हस्ताक्षर' ज्योतिष की क्लास्सेस लेने का मानस व्यक्त करते हुए कहते है कि कुछ विद्यार्थियों को वे प्रशिक्षित भी कर चुके है अतः इस विद्या का लाभ अन्य लोग भी उठायें, इसलिए शीघ्र ही क्लास्सेस शुरू करने जा रहे है ।

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परिवार पिताश्री :श्री मनोहर वासनिक,धर्मपत्नी मंजुला,
जन्म तिथि 19/09/1954
जन्मस्थल नागपुर, महाराष्ट्र
जिला नागपुर
शहर नागपुर
शैक्षिक विस्तार ग्रेजुएट
स्कूल गुरुनानक हायर सेकंडरी स्कूल
कॉलेज आंबेडकर कॉलेज नागपुर
बिज़नेस / प्रोफेशन सेल्स मैनेजर FMCG ,एस्ट्रोलॉजर
विवाह तिथि ०१.जून .१९८६
श्रीमान / श्रीमती श्रीमती मंजुला वासनिक
प्रेरणा स्त्रोत / आदर्श व्यक्ति एक्टर देवानंद
पुरस्कार / उपलब्धियां

२००१ ज्योतिष विद्या भारती अवार्ड - एशियाई एस्ट्रोलॉजर कांग्रेस कोलकाता
२००२ एशियाई एक्सीलेंस  अवार्ड -द्वारा एशियाई एस्ट्रोलॉजर कांग्रेस कोलकाता
२०१० सम्मान चिन्ह अंतराष्ट्रीय ज्योतिष महोत्सव छत्तीसगढ़ 
२०१२ प्रशस्ति पत्र राष्ट्रीय ज्योतिष सम्मलेन छत्तीसगढ़ 
२०१८ एस्ट्रो अचीवेरस अवार्ड - ज्ञान कलश दिल्ली  

वर्ग कला और साहित्य
अतिरिक्त
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