नितिन खारा
चैयरमेन एन्ड मैनेजिंग डायरेक्टर कॉन्फिडेंस ग्रुप
उद्योग जगत के माइलस्टोन,वैश्विक व्यापार के देदीप्मान सितारे,अद्भुत प्रबंधन क्षमता,मृदुभाषी व्यक्तित्व
कॉन्फिडेंस का दूसरा नाम -नितिन खारा ने अल्प समय में उद्योग-व्यापार जगत में शून्य से शिखर का सृजन कर विदर्भ का नाम वैश्विक मानचित्र पर प्रतिष्ठित किया है ,उनकी यह यात्रा निसंदेह युवा वर्ग के लिए प्रेरणादायी है।दूरदृष्टि, स्वयं पर पूर्ण "कॉन्फिडेंस",व्यापार की हर कड़ी जैसे -स्टाफ,डीलर,सप्लायर,इत्यादि के अलावा अंतिम बिंदु ग्राहक में गुणवत्ता के साथ कैसे "कॉन्फिडेंस" स्थापित करना यह उनकी कार्य कुशलता को प्रतिबिंबित करता है । नितिन खारा की पहचान "कॉन्फिडेंस" की पर्यावाची है।
जो विपरीत हालातों से कभी निराश नहीं होते, अपने प्रयासों को नहीं छोड़ते, कितनी ही मुश्किल ही क्यों ना आ जाए हार नहीं मानते व अपने निर्धारित लक्ष्य को ही मछली की आंख की तरह सामने रख उसे भेदने पर अड़े होते हैं, वे एक न एक दिन ऐसे मुकाम पर खड़े मिलते हैं जहां दुनिया भर की नजरें उनकी ओर उठती हैं. राजकोट के नजदीक जसधन नाम के छोटे से गांव का खारा परिवार ,गुजरात सौराष्ट्र के भीषण अकाल के दौरान अकोला में आ कर स्थापित हुआ नितिन खारा का जन्म अकोला में स्व. पूनमचंद खारा व स्व. रसीलाबेन खारा के घर ०९ मार्च १९६१ को हुआ था. यह मध्यमवर्गीय गुजराती परिवार छोटा सा व्यवसाय करता था.विदर्भ के एक छोटे से शहर अकोला में जन्मे और नागपुर को अपनी कर्मभूमि बनाने वाले नितिन खारा एक ऐसी शख्सियत है जो आज देश ही नहीं दुनिया भर में पेट्रोलियम-गैस में अपनी कान्फिडेन्स छबि के लिए जाने जाते है.
२ दिन तक लाइन में लगे रहे
आकोला में एक छोटी सी स्टील दुकान से अपने व्यवसाय जीवन की शुरूवात करते हुए नितिनजी खारा ने नागपुर में गैस सिगड़ी बेचना शुरू किया, "नितिनजी अपने अतीत की एक घटना बताते है की १९८० में अपने घर के लिए गैस कनेक्शन लेने वे एक गैस एजेंसी के सामने २ दिन तक लाइन में लगे रहे तब कही नंबर आया और यह तो मात्र न्यू कनेक्शन के आवेदन था ,महीनो चक्कर के बाद में कनेक्शन प्राप्त हुआ इस संघर्ष ने मुझे नए दिशा दी."
दिखाया बाहर का रास्ता
वर्ष १९९३ में सरकार ने एल.पी.जी. बॉटलिंग नीति को उदार बनाया,और एलपीजी सिलेंडर निर्माण के क्षेत्र में में निजी बॉटलरों से भागीदारी को आमंत्रित किया और नितिनजी खारा की विकास यात्रा को नए पंख मिले वर्ष १९९३ में नितिनजी ने अपनी समस्त पूंजी को लगाकर गैस सिगड़ी की डिस्ट्रीब्यूटरशिप हासिल की व्यापर चल निकला पर अंतर मन में तो और ही स्वप्न था गैस सिलेंडर बनाने की फैक्ट्री लगाने का और लग गए खोज खबर में मुंबई के ख्यातनाम ग्रुप " धरमशी मोरारजी ग्रुप " की कोसान नाम से नागपुर में सिलेंडर बनाने की फैक्ट्री थी जो देश की सब से पुरानी फैक्ट्री थी फिर क्या नितिनजी पहुंच गए " धरमशी मोरारजी ग्रुप " के कर्ता-धरता श्री गोकलदासजी भाटिया से मिलने मुंबई .सर फिरोज मेहता मार्ग पर उनका ऑफिस था वयोवृद्ध श्री गोकलदासजी भाटिया ने यह कह कर नितिनजी को बहार का रास्ता दिखा दिया की किसने कहा की फैक्ट्री बेचना है नितिनजी खारा अपना विजिटिंग कार्ड सेक्रेटरी को देकर वापस आ गए .
प्रगति का प्रथम पड़ाव
इसी दौरान रेफ्रिजेटर बनाने वाली कंपनी ऑल्विन ने अपनी कंपनी टाटा ग्रुप की वोल्टास को बेच दिया उसमे हैदराबाद स्थित सिलेंडर बनाने की फैक्ट्री भी थी और टाटा ग्रुप को इसमें कोई रूचि नहीं थी .सिलेंडर बनाने के नियम कायदे अत्यंत कड़े होते है ,एक भी सिलेंडर में लीकेज मिला तो खाली सिलेंडर आपूर्ति का करार रद्द और इसी के चलते ऑल्विन की फैक्ट्री बंद पड़ी थी .यह बात पता चलते ही नितिन खारा , टाटा ग्रुप के जे.जे. ईरानी से मिले और ६.७१ करोड़ में फैक्ट्री हस्तगत की यह १९९५ की बात है पर यहाँ बात पूरी नहीं हुई फैक्ट्री तो मिल गई परन्तु बैंक बैलेंस ? सब कुछ यहाँ वहाँ से जमा करने के बाद भी मात्र २ करोड़ जमा हो सके नितिन खारा को अपनी कार्य क्षमता और मेहनत पर पूरा कॉन्फिडेंस था ,उन्होंने टाटा ग्रुप के जे.जे. ईरानी के पास प्रस्ताव रखा की अभी इतना एमाउंट ले लो और फैक्ट्री वर्किंग के लिए दे दो ,जब पूरा एमाउंट मिल जाये तब फैक्ट्री हमारे नाम से करना और ईरानीजी ,नितिन खारा की कार्यक्षमता और ईमानदारी से प्रभावित हो गए और नितिनजी खारा ने प्रगति का प्रथम पड़ाव फतह कर लिया .
टर्निंग पॉइंट
ईश्वर जैसे नितिनजी खारा को तेजी से शिखर पर स्थापित करना चाहते थे ,हैदराबाद डील अभी पूरी हुई थी की मुंबई से "धरमशी मोरारजी ग्रुप" के श्री गोकलदासजी भाटिया के सेक्रेटरी का फ़ोन आया की भाटिया जी मिलना चाहते है नितिनजी पहुंच गए,और ८.४१ करोड़ में नागपुर की फैक्ट्री हस्तगत की हालाँकि फण्ड तो था ही नहीं हिम्मत की २५ लाख का चेक दिया, भाटिया जी ने साथ ही चेतवानी भी दि की १८० दिनों में फुल पेमेंट आ जाना चाहिए नहीं तो २५ लाख भूल जाना नितिनजी एक बार विचलित हो गए नागपुर आये बैंको के चक्कर लगाए अंततः शिक्षक सहकारी बैंक ने ४ वर्षो के लिए लोन देना मंजूर किया नितिनजी कहते है की यह मेरे जीवन का टर्निंग पॉइंट था फिर तो एक बाद दूसरी फैक्ट्री हस्तगत करते चले गए ....
तीन दशकों में उन्होंने अपनी दूरदृस्टि ,कार्यकुशलता और विश्वनीयता पूर्ण कार्यपद्धति से १५ सिलेंडर बनाने की इकाई, १ सीएनजी प्लांट, ५४ एलपीजी बाटलिंग प्लांट, ३ इथेनॉल रिफाइनरी प्लांट और १५० से अधिक आटो गैस स्टेशन का विशाल व्यवसाय स्थापित का विक्रम किया .आज वे जिस मुकाम पर खड़े हैं तो उनके बारे में यह कहना कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी..‘जो हालातों से नहीं हारा...वे हैं नितिन खारा.’ इस युवा उद्यमी की सफलता की गाथा आज के युवाओं को प्रेरणा देने वाली है. वे आज कान्फिडेन्स ग्रुप के अध्यक्ष तथा प्रबंध निदेशक हैं.
ट्रेन के दरवाजे पर बैठ करते थे यात्रा
नितिन खारा गैस सिलेंडर निर्माण करने के क्षेत्र में उतरना चाहते थे लेकिन सरकारी नीतियां निजी सेक्टर के लिए कठिन थीं. १९९३ में नीति सरल हुई, तब उन्होंने गैस क्षेत्र में झंडे गाड़ने के सपने को पूरा करने के लिए कोशिशें शुरु कर दी. इस क्षेत्र में महज दो दशक में अपनी लगन, परिश्रम और दूरदृष्टि की बदौलत युवा उद्यमी ने कांफिडेंस को देश के दिग्गज कंपनियों में शुमार करा दिया. पेट्रोलियम और एलपीजी क्षेत्र की यह देश की सबसे बड़ी कंपनियों में शामिल हो गई. कंपनी के पास सालाना ६८ लाख गैस सिलेंडर बनाने की क्षमता है, वहीं ५४ बाटलिंग प्लांट है, जो देश की सरकारी और निजी क्षेत्र की कंपनियों को सेवा प्रदान कर रही है. खारा बताते हैं कि एक वक्त ऐसा भी था, जब उनके पास मुंबई जाने तक के लिए पैसा नहीं हुआ करता था. ट्रेन के दरवाजे पर बैठकर मुंबई आते-जाते थे. परंतु उन्होंने अपनी सोच को जिंदा रखा और अपनी मेहनत की बदौलत कंपनी को आगे बढ़ाते गए. संसाधन का भी अभाव था. ऐसी स्थिति में बड़ा कारोबार करना कठिन ही नहीं काफी मुश्किल था. खारा का ‘स्टार्ट अप’ सीमित पूंजी से शुरू हुआ और २ दशक में ही उनकी कंपनी ‘कान्फिडेन्स’ सफलता की परचम लहरा रही है. आज भले ही लोग इंडियन, बीपीसीएल, एचपीसीएल गैस सिलेंडर की बात करते हैं, परंतु वह सिलेंडर कांफिडेंस में ही बना होता है. यानी घर-घर मिलने वाला सिलेंडर ‘कांफिडेंस’ का ही है. स्टोव की छोटी सी दुकान से जिंदगी शुरू करने वाले नितीन खारा आज कांफिडेंस समूह के अध्यक्ष तथा प्रबंध निदेशक हैं. अपने दोनों भ्राता अनुज नलिन और ईलेश खारा के हर कदम पर पूर्ण सहकार से आज कांफिडेंस समूह. गैस सिलेंडर निर्माण, सीएनजी सिलेंडर निर्माण, एलपीजी बॉटलिंग, आटो एलपीजी, इथेनॉल निर्माण, प्रोजेक्ट्स, ब्लैंडिंग इकाई, एलपीजी लाजिस्टिक के क्षेत्र में देश की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक बन गई है.
नितिनजी निरंतर व्यवसाय विस्तार के स्वप्न को लेकर चलते रहे । एक उद्यमी के रूप में अपने व्यवसाय को अगले स्तर तक ले जाने के लिए निरंतर बदलते व्यावसायिक परिदृश्य और तेजी से विकसित होती तकनीक का भी पूरा ध्यान रखते रहे सरकारी नीति के उदारीकरण के साथ उनके स्वप्न को पंख मिल गए और 'गैसपॉइंट पेट्रोलियम इंडिया लिमिटेड' के नाम व 'गैसपॉइंट' ब्रांड के साथ एलपीजी सिलिंडर बॉटलिंग प्लांट का नेटवर्क बढ़ता चला गया १९९५ में कंपनी का नाम कांफिडेंस पेट्रोलियम इंडिया लि.हुआ और आज देश के १९ राज्यों में फैले नेटवर्क के साथ ‘कांफिडेंस समूह’ एक बड़ा नाम है.
सिलेंडर बनाने की कंपनी खरीदी
१९९७ में खारा को भोपाल और हैदराबाद में दो बीमार सिलेंडर विनिर्माण इकाइयों खरीदने में सफलता मिली. उसकी क्षमता ६० ,००० सिलेंडर प्रति माह बनाने की थी.नितिनजी ने कहते है की यह मेरे जीवन का महत्वपूर्ण मोड़ था और तब से मैने कभी भी पलटकर नहीं देखा एक सच्चे उद्यमी के रूप में, मैंने 'पॉजिटिव अप्रोच' और 'कैन डू' की मानसिकता को ज़ोरदार प्रयासों, कड़ी मेहनत और दृढ़ निश्चय के साथ अपनाया, जिसने मुझे एक के बाद एक एलपीजी सिलेंडर विनिर्माण इकाइयों का अधिग्रहण करने में मदद की फिर तो यह क्रम अग्रसर होता गया कलमेश्वर, अंकोलेश्वर, वरोड़ा, भोपाल, खापोली, हैदराबाद, हलोल, बाजपुर में भी बीमार सिलेंडर विनिर्माण इकाइयों को अधिग्रहित कर लियाऔर कांफिडेंस समूह’ आज प्रति वर्ष ६८ लाख सिलेंडर बनाते हैं. २००४ में सरकारी नीति के कारण ही उन्हें एलपीजी में बहुत बड़ा झटका लगा. उस दौरान उन्होंने खुद को टूटता हुआ महसूस किया लेकिन हिम्मत नहीं हारी. उस बुरे दौर में उनकी सिलेंडर बनाने की इकाई साथ देती रही. उन्होंने ढाई दशक की अपनी व्यावसायिक यात्रा में कुल ३८ कंपनियां व फर्म खड़ी कर ली थी. हालांकि बाद में इन सभी कंपनियों को मर्ज कर ‘कांफिडेंस समूह’ का गठन किया. समूह के पास १५ सिलेंडर बनाने की इकाई, १ सीएनजी प्लांट, ५४ एलपीजी बाटलिंग प्लांट, ३ इथेनॉल रिफाइनरी प्लांट हैं. २०० एलपीजी स्टेशन खुल चुके हैं. गैस क्षेत्र की सारी कंपनियां एचपीसीएल, बीपीसीएल, आईओसीएल, रिलायंस, शैल मुख्य ग्राहक हैं. इनके लिए कांफिडेंस समूह बाटलिंग का काम तो कर रही है, सिलेंडर के सबसे बड़े आपूर्तिकर्ता भी हैं. कांफिडेंस पेट्रोलियम इंडिया लिमिटेड. एशिया की सबसे बड़ी सिलेंडर निर्माता कंपनी हैं।
कांफिडेंस पेट्रोलियम बनी BSE लिस्टेड कंपनी
२००४ तक नितिनभाई को शेयर बाजार का कुछ पता नहीं था ,२००५ में उन्होंने बॉटलिंग याने की सिलेंडर में गैस भरने की शुरुवात की तब छोटी बड़ी मिला कर उनकी ३८ कंपनी हो चुकी थी ,उसी दौरान राजस्थान के पाली और उदयपुर की LPG बॉटलिंग कंपनी उन्होंने हस्तगत की कंपनी छोटी थी पर BSE में लिस्टेड थी ,उनके CAमित्र की सलाह पर कंपनी खरीदी नहीं टेकओवर की और अपनी सभी कंपनीयो को समाहित कांफिडेंस पेट्रोलियम इंडिया लि.की स्थापना की व्यवसाय विस्तार की इच्छाशक्ति, निरंतर प्रयास, एक कुशल उद्यमी के रूप में अपने व्यवसाय को अगले स्तर तक ले जाने के जूनून के साथ नितिनजी की कांफिडेंस पेट्रोलियम इंडिया लि. २४ -०४ -१९९५ को शेयर बाजार में पंजीकृत हो गई . कंपनी बी.एस.ई. में लिस्टेड होने के साथ ही राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित हो गई. नितिनजी कंपनी के CMD व अनुज भ्राता इलेश खारा CEO है कंपनी के निवेशकों को निवेश से काफी लाभ पहुंच रहा है. उन्हें कई पुरस्कार भी मिले हैं. कंपनी ग्लोबल सिक्युरिटी मार्केट में जी.डी.आर लिस्टिंग की ओर वैश्विक स्तर पर खुद को स्थापित किया है. समय के साथ हमेशा कदमताल करने वाले नितिनजी खारा ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई समझौते किए , जिसका लाभ बड़े पैमाने पर देशी एल.पी.जी. बाजार को मिलेगा. खारा कहते हैं कि एल.पी.जी. क्षेत्र में भी तकनीकी की बदौलत बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे. इसी प्रकार नेचुरल गैस की उपलब्धता भारत में बढ़ाने की दिशा में भी बड़े पैमाने पर कार्य किया जा रहा है. कंपनी इजराइली कंपनी के सहयोग से आटोमेटिक मीटर रीडिंग टेक्नोलाजी पर भी काम कर रही है. उन्होंने इंडोनेशिया में भी अपना प्लांट लगाया है.
समाज के प्रति प्रतिबद्धता की मिसाल
८०० करोड़ के टर्नओवर वाली कंपनी के प्रमुख नितिन खारा ने न केवल अपने व्यवसाय व उद्योग को आगे बढ़ाने में अपना ध्यान लगाया बल्कि तमाम कारोबारी ऊंचाईयों के बाद भी वे समाज के प्रति कर्त्तव्य बखूबी से निभाते है .समाज, धर्म, सामाजिक कार्यों, खेलकूद, संस्कृति रक्षा में उनका योगदान सराहनीय है .तमाम तकलीफों के बाद मुकाम हासिल करने वाले नितिन खारा में आज भी सरलता, मिलनसारिता और सहयोग की भावना कायम है. उनके सहज व मधुर भाषी स्वभाव उन्हें और उंचाईयां देता हैं. उनके समूह में आज प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से ६००० से अधिक लोगों को रोजगार मिला हुआ है, जो कंपनी के विकास में अपना योगदान कर रहे हैं. खारा कहते हैं कि सहयोगियों का योगदान ही उनकी सफलता का राज है. खारा धीरूभाई अंबानी को अपना प्रेरणास्रोत मानते हैं.
राष्ट्रीय प्रदूषण त्रासदी पर ठोस कदम
नितिनजी खारा कहते है - " मैंने देखा कि बढ़ते वाहनों का प्रदूषण चिंता का कारण बन गया है। बड़ी संख्या में सार्वजनिक रूप से विशेष रूप से स्कूल जाने वाले बच्चे वाहन प्रदूषण के कारण विभिन्न बीमारियों से ग्रस्त हैं। राष्ट्र के हित में और वाहनों के प्रदूषण से लोगों की पीड़ा को कम करने के नेक काम के साथ मैंने ऑटो एलपीजी के लिए सबसे पारंपरिक ईंधन वाहनों को हटाने के उद्देश्य से ऑटो एलपीजी वितरण स्टेशन स्थापित करने के बारे में सोचा। और आज यह घोषणा करते हुए बहुत खुशी हो रही है कि देश भर में २०० से अधिक ऑटो एलपीजी वितरण स्टेशन ( LPG Pump ) स्थापित किए जा चुके हैं और यह वाहन प्रदूषण के क्षेत्र में मिल का पत्थर बनेगा । "
दृढ़ निश्चय के साथ भावी लक्ष्य
कांफिडेंस समूह गो गैस एलपीजी आटो पंप खोलने के बाद अब घरेलू गैस सिलेंडर के क्षेत्र में भी डंका बजा रही है. देश के अधिकांश राज्यों में गो गैस की उपस्थिति दर्ज हो चुकी है. गैस परिवहन के लिए समूह के पास १०० टैंकर हैं जो प्रतिदिन ५०० टन माल परिवहन करती है. कंपनी देश के २१ राज्यों तक अपनी पहुंच बना चुकी है. खारा का भावी लक्ष्य १००० एलपीजी पंप स्थापित करने ,साथ ही हर घर में गैस सिलेंडर हो ताकि गृहणियों को धुंए वाले चूल्हों से मुक्ति मिले और देश के वायु प्रदूषण पर नियंत्रण हो तद्हेतु सारे आटो, बस व अन्य वाहन सी.एन.जी, व एलपीजी से चलें.राष्ट्र समर्पित भक्ति,दृढ़ निश्चय, समर्पण, कड़ी मेहनत के साथ वे लक्ष्य पूर्ति के प्रति confident है।
- वर्ष १९९५ -१९९६ में लायंस क्लब के तत्कालीन अध्यक्ष के हाथों उत्कृष्ट और सराहनीय योगदान के लिए स्मृति चिन्ह से सम्मानित
- वर्ष १९९९ में श्री विलासराव देशमुख के हाथों व्यवसाय के क्षेत्र में उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए जय महाराष्ट्र स्मृति चिन्हा से सम्मानित
- वर्ष २००२ में १६ वें आर्थिक विकास सम्मेलन में “व्यापार और औद्योगिक विकास संस्थान” द्वारा तत्कालीन श्रम मंत्री श्यानारायण जटिया के हाथों उद्योग पत्र से से सम्मानित
- वर्ष २००६ में IOBRD द्वारा राष्ट्रीय उद्योग रतन पुरस्कार से सम्मानित
- Inc. India द्वारा सर्टिफिकेट ऑफ़ एक्सीलेंस
सामाजिक गतिविधियाँ:
- डायरेक्टर - वर्धमान अर्बन कॉऑपरेटिव बैंक लिमिटेड
- वाईस प्रेजिडेंट - आल इंडिया पैरेलल एलपीजी फेडरेशन
- डायरेक्टर - महावीर इंटरनेशनल
- डायरेक्टर - ‘संकल्प ’ सोशल आर्गेनाइजेशन
- ट्रस्टी - सकल जैन फाउंडेशन
- ट्रस्टी - श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ
- एग्जीक्यूटिव मेंबर -जैन सोशल ग्रुप
- ट्रस्टी -श्री गुजराती समाज
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