Madhuri Patle / माधुरी पटले


तुमसर भंडारा के सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में महिला-बाल के सर्वांगीण विकास व सशक्तीकरण की सशक्त युवा आवाज़

- माधुरी पटले अबाधा फाऊंडेशन फाउंडर

आम तोर पर समाजसेवा जीवन के उत्तरार्ध में करना चाहिए के मिथक को माधुरी पटले ने तोड़ कर युवा वर्ग के सामने मिसाल कायम की है की उम्र,धन या निज व्यवसाय की वयस्तता कुछ भी बाधक नहीं,किसी के लिए कुछ कर गुजरने का माद्दा हो तो सब कुछ संभव है,मात्र ३० वर्ष की उम्र में " मै " से ऊपर उठ कर " हम " की सोच रखने वाली माधुरी पटले के ग्रामीण अंचल में ग्रामीण उत्थान व महिला सशक्तीकरण के कार्य निःसंदेह सराहनीय है ।

सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (PSU)और निजी क्षेत्र में उच्च पदों पर कार्य का व्यापक अनुभव, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड टेलीकम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग, (सर्टिफाइड इंटरनेटवर्क एक्सपर्ट व एथिकल हैकिंग),दुबई में कार्यरत अबाधा फाऊंडेशन की संचालिका,ग्रामीण उत्थान व महिला सशक्तीकरण हेतु अनेक सामाजिक परियोजनाएं का संचालन माधुरी पटले का नाम उन शख्सियतो में शुमार है जो कही भी रहे पर अपनी मिट्टि के लिए प्रतिबद्ध रहते है ।ग्रामीण विकास के लिए समग्र दृष्टिकोण तैयार करने और विश्वसनीय एकीकृत ग्राम विकास मॉडल तैयार करने में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है।तुमसर ( जिला भंडारा ) में सामाजिक कार्यकर्ताओं की एक टीम के माध्यम से अबाधा फाऊंडेशन पूरी शिद्दत से ग्रामीण उत्थान का कार्य कर रहा है । 

काम करने की लगन तथा कुछ कर गुजरने की लालसा अगर मन में दृढ़ तो लक्ष्य तक पहुंचना आसान होता है, फिर चाहे कार्य क्षेत्र कोई छोटासा गाव हो, या किसी राज्य की राजधानी। एक बड़े लक्ष्य को आंखों के सामने रखकर माधुरी पटले ने अबाधा फाऊंडेशन की स्थापना की। इस फाऊंडेशन के जरिए समाजसेवा के साथ साथ ग्रामीण जनता को अपने पैरों पर खड़े होने की जो ताकत माधुरी पटले ने अपने अबाधा फाऊंडेशन के माध्यम से दी है, इससे यह सिद्ध हो गया है, छोटे शहर में जन्म लेने वाला व्यक्ति भी गगनचुंबी उड़ान भर सकता है। १६ अप्रैल, १९८९ को भंडारा में ब्रिजलाल पटले तथा छन्नु पटले के यहां जन्मी कन्या रत्न का माधुरी रखा गया। पटले दंपत्ति के यहां पहली संतान के रूप में पैदा हुई माधुरी ने सिर्फ 30 वर्ष की आयु में जो कुछ पाया है, वह माता-पिता के कष्टों का ही फल है। बचपन से ही अपनी अलग पहचान बनाने की इच्छा रखने वाली माधुरी पटले अबाधा फाऊंडेशन के व्यवस्थापकीय संचालिका का काम बखूबी निभा रही हैं। सर्वागीण विकास का रखा है लक्ष्य, चलो करें ग्राम विकास, के संदेश के साथ अबाधा फाऊंडेशन अपने लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है । 

शहरी जनता की प्रगति के लिए तो पर्याप्त संसाधन तथा व्यक्ति मौजूद हैं, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र की जनता की समस्याओं के समाधान के लिए कोई सच्चे मन से आगे नहीं आता, इसी बात को ध्यान में रखकर १२ अगस्त, २०१६ को अबाधा फाऊंडेशन की नींव रखी गई। राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों के विकासात्मक क्रिया कलापों पर ध्यान केंद्रित करते हुए सामाजिक उत्थान की भावना रखने वाले व्यावसायिक समूह ने अबाधा फाऊंडेशन की स्थापना का मार्ग प्रशस्त किया। अबाधा फाऊंडेशन ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले व्यक्तियों का जीवन स्तर सुधारने के साथ साथ बाल शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा जागरूकता, महिला शक्तिकरण के कार्यों में अपना अमूल्य योगदान दे रही है। अबाधा अभ्यास, अबाधा स्वास्थ्य तथा अबाधा निर्वाह के माध्यम से भंडारा जिले के तुमसर, सिरोला,नाकाडोंगरी, डोंगरी बीके, उसरा, तिरोडा तथा हरदोली जैसे ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब जनता, किसानों के हितों पर आधारित अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। 

शिक्षा और संघर्ष 
पिता के बार बार होने वाले स्थानांतरण के कारण माधुरी पटले की प्रारंभिक शिक्षा में एकसूत्रता नहीं रही। साकोली के नगर परिषद स्कूल में पहली तथा दूसरी कक्षा में पढ़ाई करने वाली माधुरी पटले को तिसरी तथा चौथी कक्षा की पढाई पिता के गोंदिया में स्थानांतरण के कारण हरिहर बेन स्कूल में करनी पड़ी। इसके बाद कक्षा पांच की पढाई के लिए माधुरी को गोंदिया के संत तुकाराम स्कूल में प्रवेश लेना पड़ा। पांचवी कक्षा में प्रवेश लेकर अभी छह माह ही हुए थे कि माधुरी के पिता का स्थानांतरण भंडारा में हो गया, लिहाजा उसे भंडारा के नूतन कन्या हाईस्कूल में प्रवेश लेना पड़ा। पांचवी की परीक्षा पास होने के बाद छठवीं कक्षा में पढ़ते समय अर्द्धवार्षिक परीक्षा के बाद माधुरी को जलगांव के लुणकंड कन्या हाईस्कूल में छठवीं कक्षा में प्रवेश लेना पड़ा। वहां सातवीं कक्षा का आधा सत्र पूरा होने के बाद फिर पिता का स्थानांतरण भंडारा हुआ, लिहाजा माधुरी को फिर नूतन कन्या हाईस्कूल में प्रवेश लेना पड़ा, जहां माधुरी ने १२ वीं तक की पढ़ाई पूरी की। १२ वीं परीक्षा पूरी होने के बाद माधुरी ने उच्च शिक्षा के लिए किसी बड़े शहर की तलाश शुरु की और वसई के विद्यावर्धिनी कालेज ऑफ इंजीनियरिंग से २०११  में इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की। अपनी प्राथमिक शिक्षा के दिनों को याद करते हुए माधुरी बताती हैं कि अंग्रेजी विषय में कमजोर होना मुझे बहुत परेशान करता था। माधुरी बताती हैं कि अंग्रेजी न आने का दुख उन्हें बहुत सताता था, इसलिए अंग्रेजी अच्छी करने के लिए अंग्रेजी समाचार पत्र पढ़ने की आदत डाली। अंग्रेजी में प्रकाशित होने वाली साप्ताहिक तथा मासिक पत्रिकाओं को नियमित रूप से पढ़ने के कारण धीरे धीरे अंग्रेजी के प्रति मन में व्याप्त भय को माधुरी पटले ने दूर किया। 

जन्म से लेकर शिक्षा पूरी होने तक कई अच्छे और बुरे अनुभवों की साक्षी रही माधुरी पटले २००९ को अपने जीवन का सबसे यादगार वर्ष मानती हैं। २००९ में माधुरी ने ब्रिछा नामक अपनी इवेंट कंपनी बनायी। इसी दौरान माधुरी पटले ने वाध बकरी चाय तथा बीएलएनएल के लिए एकरिंग भी की। २००९ से २०११ तक सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति करने वाली माधुरी पटले ने दिल्ली की स्माइल फाऊंडेशन में २०११ से २०१३ तक काम किया। इसी दौर में माधुरी पटले ने यह निश्चय किया कि वे अपना फाऊंडेशन बनाएंगी। २०१४ -२०१५ में बैंगलुरु में बड़े पद पर काम करने के बाद अगस्त, २०१६ में दुबई की कंपनी में इंटरनेशनल एक्सपर्ट पद पर काम करने के बाद सिंतबर, २०१६ से मई २०१८ तक दुबई की एक कंपनी में मैनेजर के पद पर भी काम किया है। वर्तमान में माधुरी विज्ञान से संबंधित एक पाठ्यक्रम में मास्टर की डिग्री प्राप्त करने के लिए अध्ययन कर रही हैं। 

अबाधा फाऊंडेशन की स्थापना   
कड़े संघर्ष तथा उच्च शिक्षा अर्जित करने के बाद माधुरी को भारी वेतन वाली नौकरी भी मिल गई पर समाज केआखरी व्यक्ति के लिए सेवा का भाव हर पल रहता था । माधुरी के अपने सपने को साकार करने के लिए  स्माइल फाऊंडेशन के लिए कार्य करना प्रारम्भ किया ,पर अपनी मिट्टी की पुकार ने उन्हें अपनी संस्था के लिए प्रेरित किया 
अपने दोस्तों, सहेलियों, सहयोगियों के साथ से अंततःअबाधा फाऊंडेशन की स्थापना की ,अबाधा नाम रखने के पीछे का भाव यह था कि हम जो भी काम करेंगे, उसमें वाली बाधा को दूर करेंगे। माधुरी पटले के नजरिए में अबाधा का आशय कुछ अलग ही है, वे इस शब्द की व्याख्या स्वतंत्र के तौर पर करती है। उन्होंने अबाधा फाउंडेशन के लिए जो प्रतीक चिन्ह उपयोग में लाया है, वहां एक तितली की चित्र अंकित किया है। यहा तितली के चित्र के पीछे का भाव यह बताया है कि जिस तरह तितली बिना के बंधन के एक स्थान से दूसरे स्थान पर उड़ती है, ठीक उसी तरह अबाधा भी अपना काम बिना किसी बाधे के करता रहे। 

अबाधा की गतिविधियां
अबाधा फाऊंडेशन के तहत होने वाली गतिविधियों को अगर एक सामजिक अभियान कहा जाए तो इसमें कुछ गलत नहीं होगा। चार वर्गो में विभक्त गतिविधियों के माध्यम से संचालित किए जाने वाले अबाधा फाऊंडेशन में अबाधा अभ्यास, अबाधा स्वास्थ्य, अबाधा निर्वाह तथा अबाधा नारी विकास के तहत काम किए जाते हैं। 

अबाधा अभ्यास
माधुरी पटले ने इस संदर्भ में बताया कि अबाधा अभ्यास के तहत निशुल्क प्रशिक्षण कक्षाओं का संचालन, व्यक्तित्व विकास, कार्यानुभव, ग्रंथालय, खेलकूद स्पर्धा, योग तथा मार्शल आर्ट के बारे में मार्गदर्शन किया जाता है। अबाधा अभ्यास के तहत ग्रीष्मकालीन शिविर भी आयोजित किए जाते हैं। इस उपक्रम के तहत पाचवीं से बारहवीं कक्षा के विद्यार्थियों को तुमसर केंद्र में प्रशिक्षण दिया जाता है। इस उपक्रम में नाकाडोंगरी, सिहोरा, उसर्रा, डोंगरी बु इन उपक्रेंद्रों में निःशुल्क प्रशिक्षण दिया जाता है। इस अभियान के तहत विद्यार्थियों के सर्वागीण विकास का लक्ष्य तो रखा ही गया है, साथ ही गांव के बच्चे अपनी बात अच्छी तरह से रख सकें, इसके लिए भी प्रशिक्षण दिया जाता है। ग्रामीण बच्चों को अपनी बात रखने का अवसर मिले, इसे ध्यान में रखकर हर रविवार को व्यक्तित्व विकास पर आधारित कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। गांव के बच्चों में पढ़ने के प्रति रूचि पैदा हो, इस बात को ध्यान में रखते हुए विद्यार्थियों के लिए एक वाचनालय भी शुरु किया गया है। अबाधा अभ्यास के तहत विद्यार्थियों का शरीर कैसे सुदृढ़ रहे इस पर उनका ध्यान दिलाया जाता है। खुद की सुरक्षा खुद कैसे की जाए, यह बताते हुए इन विद्यार्थियों में खेल के प्रति दिलचस्पी भी पैदा की जाती है। इसके लिए विद्यार्थियों को योग तथा मार्शल आर्ट का भी प्रशिक्षण दिया जाता है। अबाधा अभ्यास के तहत विभिन्न खेल स्पर्धाएं भी आयोजित की जाती हैं।  दिन विशेष के अवसर पर कार्यक्रम आयोजित करके विद्यार्थियों के लिए तरह तरह की स्पर्धाएं आयोजित की जाती हैं। दिन विशेष पर विद्यार्थियों को यह भी बताया जाता है कि आज हम किस व्यक्ति, धरोहर, संस्था के बारे में जानकारी दे रहे हैं। 

अबाधा स्वास्थ्य
फाऊंडेशन की अबाधा स्वास्थ्य के तहत की जाने वाली गतिविधियों के बारे में माधुरी पटले ने जानकारी दी कि अबाधा स्वास्थ्य के तहत स्वच्छता अभियान, स्वास्थ्य जांच, नेत्र जांच, दांतों के बारे में जानकारी के साथ साथ रक्तदान शिविर आयोजित किए जाते हैं। इसके अलावा अबाधा स्वास्थ्य के तहत जनजागृति प्रभातफेरी भी समय समय पर निकाली जाती है। अबाधा स्वास्थ्य उपक्रम के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्र के लोगों का स्वास्थ्य अच्छा रहे, इस बात के ध्यान में रखते हुए गांव की जनता स्वस्थ्य रहे तथा उन्हें दीघार्यु जीवन प्राप्त हो, इसके लिए स्वास्थ्य शिविर का आयोजन करके उनका निशुल्क स्वास्थ्य जांच की जाती है और उन्हें दवाएं निशुल्क वितरित की जाती हैं। अबाधा स्वास्थ्य के अंतर्गत स्वच्छता अभियान का उपक्रम भी किया जाता है। इस स्वच्छता अभियान के पीछे का उद्देश्य यह है कि स्वच्छता अभियान के माध्यम से घर, परिसर को स्वच्छ रखा जाए, इसके कारण गांव किसी भी तरह की बीमारी नहीं फैलेगी। अबाधा फाऊंडेशन के क्षेत्रीय समेत संस्था से जुड़े अन्य क्षेत्रों के कर्मचारी तथा स्वयंसेवक गांव गांव में जाकर प्रभात फेरी तथा नुक्कड़ नाटक के माध्यम से स्वच्छता का संदेश नियमित रूप से दे रहे हैं। 

अबाधा निर्वाह
फाउंडेशन की ओर से अबाधा निर्वाह के तहत की जाने वाली गतिविधियों में कृषि कार्यशाला, बेरोजगार युवक, युवतियों का मार्गदर्शन, वृक्षारोपण, मिट्टी परीक्षण, खेती विषयक कार्यशाला, किसान से मुलाकात तथा उनका मार्गदर्शन जैसे काम किए जा रहे हैं। अबाधा निर्वाह के अंतर्गत आर्गेनिक खेती विषय पर कार्यशाला आयोजित करके लोगों का ध्यान आर्गेनिक खेती की ओर केंद्रित करने का काम फाऊंडेशन की कुशल टीम की ओर से किया जा रहा है, इसकी वजह से रासायनिक खादों के कारण मानव शरीर पर होने वाले दुष्परिणामों से बचा जा सकेगा। रासायनिक खादों के अत्यधिक प्रयोग के कारण मानव की आयु निरंतर घटती जा रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यशाला का आयोजन करके मिट्टी का परीक्षण करके किसानों से खेत में मुलाकात करके उन्हें रासायनिक खादों से होने वाले खतरों से आगाह करने का काम फाऊंडेशन की ओर से हर दिन किया जा रहा है। इतना ही नहीं अबाधा निर्वाह के तहत बेरोजगार युवकों, युवतियों को स्वयंरोजगार कैसे किया जा सकता है तथा किस तरह का रोजगार करना चाहिए, इस बारे में ग्रामीण क्षेत्र के युवकों तथा युवतियों के लिए कार्यशाला आयोजित करके उनका मार्गदर्शन करने का काम फाऊंडेशन की ओर से नियमित रूप से किया जा रहा है।  

अबाधा नारी विकास
अबाधा की गतिविधियों में सबसे बाद में शामिल हुए अबाधा नारी विकास के अंतर्गत सिंलाई कार्य का प्रशिक्षण, महिला सशक्तिकरण, विभिन्न योजनाओं के बारे में मार्गदर्शन, महिलाओं के लिए स्वयंरोजगार तथा ब्यूटी पार्लर के बारे में प्रशिक्षण दिया जाता है। इसके तहत ग्रामीण महिलाओं को सिलाई का निशुल्क प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके पीछे की मूल धारणा यह है कि ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को रोजगार प्राप्त हो और इसके माध्यम से वे खुद का व्यवसाय शुरु करके दूसरों को रोजगार दे सकें। इसी के साथ बचत गटों की महिलाओं को यह भी बताया जाता है कि वे अपना उद्योग कहां और किस तरह से करें। महिला सक्षम बनकर अपना बचाव कैसे करें, इस बारे में भी मार्गदर्शन किया जाता है। विशिष्ट दिन के मौकों पर महिलाओं पर आधारित कार्यक्रम नियमित रूप से आयोजित किए जाते हैं। अबाधा नारी विकास कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षण, परीक्षा तथा प्रमाण पत्र वितरण कार्य भी फाऊंडेशन के माध्यम से किया जाता है। इस  उपक्रम के तहत तीन माह का कोर्स है। इस कोर्स में ७०  प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाली महिलाओं को प्रमाण पत्र वितरित किए जाते हैं। कोर्स करने पूरा करने के बाद उस महिलाओं को ही प्रमाण पत्र दिए जाते हैं, जिनकी उपस्थिति ७०  प्रतिशत या उससे ज्यादा हो। 

प्रेरणा स्रोत  
स्वामी विवेकानंद, पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे.अब्दुल कलाम, बाबा आमटे के कार्यो से प्रभावित माधुरी पटले बिल गेट्स से भी प्रभावित हैं। बिल गेट्स ने अपनी ९०  प्रतिशत संपत्ति गरीबों को दान कर दी है। स्वामी विवेकानंद के विचारों को आत्मसात करके हर युवा अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है। देश के पूर्व राष्ट्रपति ए पी जे अब्दुल कलाम के किस तरह विपरित परिस्थितियों में खुद के लिए रास्ता निकाला और विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारत के राष्ट्रपति बने, उनकी जीवन यात्रा मेरे लिए प्रेरणा स्रोत रही है। बाबा आमटे का सादगी भरा जीवन बहुत कुछ कह जाता है। भारत समेत समूचे विश्व में कई ऐसे चेहरे हैं, जिनके जीवन को देखकर बहुत कुछ करने की प्रेरणा मिलती है। मेहनत करके मिलने वाली सफलता बहुत आनंद देती है।

भावी योजनाएं 
मुझे एक झटके में बहुत कुछ नहीं करना है। धीरे धीरे तथा मजबूती के साथ आगे बढ़ना है। वर्तमान में तुमसर तहसील के अंतर्गत तुमसर, सिहोरा, नाका डोंगरी तथा हरदोली में फाऊडेशन का काम चल रहा है। तुमसर के अलाला भंडारा जिले में भंडारा ,गुमथारा, तिरोडा, मोहाडी ,उसर्री में फाऊंडेशन का काम चल रहा है। हर तहसील में तीन गांव का लक्ष्य लेकर हम आगे बढ रहे हैं और तीन गांव में काम पूरा होने के बाद ही भावी योजनाओं के बारे में विचार करेंगे। फिलहाल जो योजनाएं हाथ में ली हैं, उन्हें ही मजबूती के साथ अमल में लाने की रणनीति बनायी है। अबाधा फाऊंडेशन के सभी केंद्रों को मिलाकर ८०० ऐसे गरीब लोग हैं, जिन्हें निःशुल्क प्रशिक्षण दिया जा रहा है। 

चल रहा है काम 
मुझे एक झटके में बहुत कुछ नहीं करना है। धीरे धीरे तथा मजबूती के साथ आगे बढ़ना है। वर्तमान में तुमसर तहसील के अंतर्गत तुमसर, सिहोरा, नाका डोंगरी तथा हरदोली में फाऊडेशन का काम चल रहा है। तुमसर के अलाला भंडारा जिले में भंडारा ,गुमथारा, तिरोडा, मोहाडी ,उसर्री में फाऊंडेशन का काम चल रहा है। हर तहसील में तीन गांव का लक्ष्य लेकर हम आगे बढ रहे हैं और तीन गांव में काम पूरा होने के बाद ही भावी योजनाओं के बारे में विचार करेंगे। फिलहाल जो योजनाएं हाथ में ली हैं, उन्हें ही मजबूती के साथ अमल में लाने की रणनीति बनायी है। अबाधा फाऊंडेशन के सभी केंद्रों को मिलाकर ८००  ऐसे गरीब लोग हैं, जिन्हें निःशुल्क प्रशिक्षण दिया जा रहा है। 
माधुरी पटले से अपने पिता के पैतृक गांव अंवागठ (हरदोली) से गरीबों के हितों के लिए काम करने का संकल्प लिया था। सन् २०१५  में गांव के स्कूल में दो कप्यूटर तथा शालेय सामज्ञी उपलब्ध कराके  फाउंडेशन शुरु किया  उनका यह  प्रयास  निरंतर बढ़ता गया  । अबाधा का कामकाज अभी भंडारा जिले के तुमसर समेत सिहोरा, नाकाडोगरी, डोंगरी बु. तिरोडा में जिस तरह से चल रहा है, उसे देखते हुए माधुरी पटले का आत्मविश्वास लगातार बढ़ता जा रहा है।अबाधा फाऊंडेशन के तहत जो काम किए रहे हैं, उसका असर दिखने लगा है । तुमसर में वर्तमान में ०७  प्रशिक्षक कार्यरत है  सिहोरा में २ , डोंगरी बु में ०२ , उसर्रा में २ , तिरोडा में ५  प्रशिक्षक पर प्रशिक्षण का दायित्व है। 

निकले थे अकेले अब कारवा बन गया  
हम दिखावे में नहीं अपितु कर दिखाने में यकीन रखते हैं। एक वर्ष में दो तहसीलों में सामाजिक उत्थान का काम करने का लक्ष्य लेकर हम आगे बढ़ रहे हैं। और यह  प्रयास बड़ी शिद्दत से जारी हैं, हमें भरोसा है कि हमारा सपना एक दिन अवश्य पूरा होगा। माधुरी पटले का कहना है कि वह मनुष्य ही नहीं जो मरते दम तक सपना ही न देखे। सपने में ही संघर्ष छिपा होता है, बस, उस संघर्ष का मुकाबला कैसे करना है, इसके बारे में चिंतन, मनन तुरंत शुरु करना जरूरी है। अबाधा फाऊंडेशन शुरु करते समय हमारा मार्गदर्शन करने वाले बहुत कम लोग थे लेकिन धीरे धीरे लोग हमसे जुड़ रहे हैं और उनके सुझाव से हमें संबल मिल रहा है। अबाधा फाऊंडेशन के कार्यों से आमी ग्रुप, स्माईल फाऊंडेशन के साथ साथ तुमसर के राजनीतिक दल, सामाजिक संगठन, धार्मिक प्रतिष्ठान भी जुड़ रहे है ।

Abadha Foundation 

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Sihora:- At. Chauriwar House, opp. Sai central school,sihora, post. Sihora, Ta. Tumsar, Dist. Bhandara.
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Usarra:-At. Z.p.school,  usarra, Post. Salai kh, Ta. Mohadi, Dist. Bhandara.
Tiroda- Mohammad Ali Complax, Chandrabhaga Naka, Tiroda, Dist. Bhandara.
Hardoli (AM.) At. Z.p. School, Hardoli, Post. Mitewani, Ta. Tumsar, Dist-Bhandara.

Gumthara:Vithal Prasad high school 
Bhandara: Narkesari Prathamik shala Santaji ward Bhandara
Devalapar :Adarsh Vidhyalay 

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https://www.youtube.com/watch?v=cIlCsldSuIs

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https://milaap.org/fundraisers/abadhafoundation

परिवार पिता -ब्रिजलाल पटले तथा माता -छन्नु पटले , छोटी बहन -भाग्यश्री , भाई -पंकज, राहुल
जन्म तिथि 16/04/1989
जन्मस्थल भंडारा
जिला भंडारा
शहर तुमसर
शैक्षिक विस्तार Electronics and Telecommunication Engineering as well as being certified as CCIE (Cisco Certified Internet work Expert) Data Centre & CEH (Certified ethical hacking)
स्कूल नूतन कन्या हाईस्कूल भंडारा , लुणकंड कन्या हाईस्कूल जलगांव
कॉलेज विद्यावर्धिनी कालेज ऑफ इंजीनियरिंग -वसई
पुरस्कार / उपलब्धियां

स्वच्छ भारत मिशन के तहत सन् 2019 में स्वच्छ शक्ति पुरस्कार

वर्ग सामाजिक कार्य
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