Kanakrai Savadia / कनकराय सावड़िया


One Man Army - Kanubhai

untiring journey to save animals ...

Saved 20,092 animals and counting ...

इस जगत में यूँ तो सभी जन्म लेते है और अंत में कालचक्र के अटल विधान के चलते वे दुनिया से चले जाते हैं, लेकिन कुछ विरले ही लोग ऐसे होते है, जो अपने कर्म, आदर्श व कर्तव्य की ऐसी मिसाल पेश करते हैं कि एक इंसानी फ़रिश्ते के रूप में अपनी पहचान स्थापित कर जन-जन के हृदय में अपना स्थान बना लेते हैं. श्रीमद भगवत गीता में कर्म की महत्ता प्रतिपादित करते हुए भगवान श्री कृष्ण ने कहा है कि 'कर्मण्ये वाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन:' अर्थात कर्म करने वाले को कल की इच्छा नहीं रखना चाहिए. गीता के इसी श्लोक का अनुसरण करते हुए श्री कनकराय उर्फ़ कन्नूभाई सावड़िया का नाम गर्व से लिया जा सकता है, जिन्होंने मूक प्राणियों की सेवा में अपने जीवन का सर्वस्व न्योछावर कर दिया है. जीवों के प्रति उनकी दया का ही प्रतिफल है कि अपने जीवन में उन्होंने अब तक १००-२०० नहीं बल्कि ३० हज़ार से अधिक गोवंशों के प्राणों कि रक्षा कि है. यह अपने आप में एक कीर्तिमान है, यह विशेष बात है|

अपने जीवन के ८२ वसंत देख चुके कन्नू भाई सावड़िया के पिताश्री सोभागचंद सुंदरजी सावड़िया मूलतः गुजरात प्रांत के कुटियाना (सोरठ} निवासी थे| कन्नू भाई गुजरात से १९५२ में वर्धा आए और वहीँ मेसर्स वल्लभदास पानाचंद की फर्म में करीब छह वर्षों तक कार्यरत रहे और १९५८ में  नागपुर शहर में बस गए|  १ मार्च १९३६ को जन्मे कन्नू भाई यद्पि इस वक़्त उम्र के ८३वे पायदान पर कदम रख चुके हैं, लेकिन मूक प्राणियों के प्रति उनके मन में अब भी युवाओं सा उल्हास है| उन्होंने गोवंश की रक्षा के लिए सुकृत निर्माण चैरिटेबल ट्रस्ट की स्थापना की और इस ट्रस्ट के माध्यम से हज़ारों गोवंश को कत्लखानो से जाने से बचाया| कन्नू भाई का कहना है विकृति के नाश के लिए सुकृत ज़रूरी है और हमारा विज़न व मिशन भी यही है| 

मूक प्राणियों के संरक्षण व संवर्धन को ही अपने जीवन का प्रमुख ध्येय मानने वाले पशु प्रेमी कन्नू भाई सावड़िया ने अपनी युवावस्था में डी.फार्म कर इतवारी मेडिकल स्टोर्स नाम से सन १९५२ में| औषधि विक्रेता के रूप में कार्य शुरू किया एवं छह वर्षों तक औषधि व्यवसाय का अनुभव लेकर नागपुर शहर में सन १९५८ में औषधालय शुरू किया व सन १९७४ में सावड़िया एजेंसी एवं तत्पश्चात सन १९८२ में औषधि निर्माण कंपनी जगदीश फार्मास्युटिकल की स्थापना की| इस कंपनी को २००१ में इंडियन फर्मास्युटिकल एसो. (नागपुर शाखा) का सर्वोत्कृष्ट उत्पादक पुरस्कार हासिल हुआ| कुछ अपरिहार्य कारण वश उन्होंने फार्मेसी का व्यवसाय बंद कर दिया|

गोवंश की रक्षणार्थ लिया संकल्प 

कन्नू भाई सावड़िया ने जैन धर्म के २४वें व अंतिम तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी के अहिंसा परमोधर्म: के सिद्धांत का मन, वचन व काया से अनुशरण करते हुए मूक प्राणियों और समस्त जीवों की रक्षणार्थ संकल्प लिया और विगत २० वर्षों से गोहत्या के खिलाफ वे उनका संघर्ष अनवरत रूप से अब भी शुरू है| उन्होंने २५ सितम्बर वर्ष २००२ में बकायदा सुकृत निर्माण धर्मादास संस्था का गठन किया और इस संस्था के माध्यम से कत्लखानो में जाने वाले हज़ारों गोवंश को कसाइयों के चंगुल से छुड़ाकर उन्हें नया जीवन दान दिया| सावड़िया बताते है कि यह काम आसान नहीं है बल्कि जोखिम भरा है| उनके ऊपर १२ बार जानलेवा हमले भी हुए, लेकिन वे न डरे और न ही डिगे | विशेष बात यह है कि जब पुलिस थाने में जाने की नौबत आती है तो वे खुद अपने नाम से एफ आए आर दर्ज करवाते हैं| सावड़िया व उनके अन्य पशुप्रेमी सहयोगी कत्लखाने की ओर जाने वाले वाहनों पर सतत ध्यान देते हैं और जैसे ही अवैध परिवहन की सुचना मिलती है, वैसे ही प्रत्यक्ष घटनास्थल पर पहुंचकर पुलिस की सहायता से पशुओं को मुक्त कराते है| गाय का मांस निर्यात करने वाले अवैध वाहनों को पकड़कर मांस नष्ट करने का भी उन्होंने कार्य किया है| सावड़िया ने मीट प्रोसेसिंग यूनिट द्धारा फैलाये जा रहे प्रदुषण व जन स्वस्थ्य पर पड़ रहे विपरीत प्रभावों से न केवल महाराष्ट्र पोल्युशन कण्ट्रोल बोर्ड ( एम् पी सी बी ), सेंट्रल  पोल्युशन कण्ट्रोल बोर्ड (सी पी सी बी) बल्कि प्राइम मिनिस्टर्स ऑफिस (पी एम् ओ) को भी अवगत कराने में महत्वपूर्ण पहल की है| मुक्त हुई गायें पुनः कत्लखाना न जाएँ, अतः उन गायों का कोर्ट से ताबा लेने व अपराधियों के खिलाफ केस लड़ने जैसे कार्य भी सावड़िया ने किये| इन गोवंश को गोशालाओं में भेजा जाता है| उनके मार्गदर्शन में रेंगेपार (जिल्ला - भंडारा ), हलदा (जिल्ला - चंद्रपुर) तथा अंजनगांव सुर्जी (जिल्ला - अमरावती ) में गोशालाएं शुरू है|

जन्म से लेकर मृत्यु पर्यंत हर उम्र के मादा व नर गोवंश की हत्या पर पूर्ण रूप से पाबन्दी लगाने की मांग कन्नू भाई सावड़िया ने अपनी संस्था सुकृत निर्माण धर्मादाय संस्था की ओर से की है और इस सम्बंध में उन्होंने उच्च न्यायालय में याचिका भी दाखिल की| इस याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने गोहत्या पर प्रतिबन्ध लगाने की अनुशंसा की व सरकार को आदेश भी दिए| इसके अनुरूप महाराष्ट्र सरकार ने सन १९९६ में सम्पूर्ण गोवंश हत्याबंदी का विधयक पारित कर मंजूरी के लिए केंद्र सरकार को भेजा है|  

धर्मप्रेमी के रूप में बनाई गई विशेष छवि 

पशु प्रेमी कनकराय सावड़िया ह्रदय से काफी निर्मल, अहिंसा पथ के प्रबल पक्षधर, दानशील, परोपकारी व्रती के साथ ही धार्मिक स्वभाव के धनि है| उन्होंने अपने जीवन में अनेक तप - उपवास किए और सैकड़ो धार्मिक आयोजनों में अपनी सहभागिता दर्शाई | परिवार व स्नेहीजनो के साथ विजय सौभाग्य तीर्थयात्रा, श्री सम्मेत शिखर तीर्थ, श्री क्षत्रिय कुंड तीर्थ, श्री राजग्रही तीर्थ, श्री गुनियाजी तीर्थ एवं श्री उवसग्गहरं तीर्थ की यात्रायें की| कोर्पेडीह ( राजनंदगावं ) में भोजनशाला व विहारधम में भवन का निर्माण , तथा वहां मंदिर प्रतिष्ठा के बाद लगातार ५ वर्ष तक ध्वजा का व स्वामीवात्सल्य का लाभ लिया| इसके साथ ही पालीताना में २५ वर्षों के दरम्यान लगातार पर्युषण वर्ष की आराधना व एक वर्ष शंखेश्वर तीर्थ में आराधना एवं नागपुर के रामदासपेठ संघ के चातुर्मास के आयोजन में मुख्य लाभार्थी का दो बार लाभ लिया| शंखेश्वरपुरम तीर्थ में पूज्य साध्वी श्री  म. सा. के उपयोग के लिए आराधना भवन निर्माण का लाभ लिया| प. पु . श्रीमद आचार्य भगवंत विजय कलापूर्ण सुरीधारजी की गुरु मूर्ति को उत्सग्गहरं तीर्थ में प्रति विठत करना प्रस्तावित है व प्रतिष्ठा संपन्न हो चुकी है| इसके साथ ही कन्नू  भाई सावड़िया ने अंतरिक्षजी तीर्थ (वाशिम) एवं बाल दीक्षा के स में महत्वपूर्ण पहल की | विशेष उल्लेखनीय है कि गोवंश की रक्षणार्थ व अन्य धार्मिक गतिविधियों के साथ अन्य जनोपयोगी कार्यों में कन्नू भाई सावड़िया ने अपनी स्वअर्जित सम्पत्ति को स्वेछा व उदारता के साथ खर्च किया|

चेअरमेन,सुकृत निर्माण चॅरीटेबल ट्रस्ट, नागपुर

आजिवन सदस्य, गुजराती समाज, नागपुर

प्रेसिडेन्ट, विदर्भ ड्रग्ज मॅन्युफॅक्चरिंग असोसिएशन,नागपुर (व्ही.डी.एम.ए.)1987-95

प्रेसीडेन्ट,एस.व्ही.जैन मित्र मंडळ (मध्यभारत) नागपुर (1993-1997)

संयोजक, विदर्भ गोरक्षण समुह

मेंबर सल्लागार समिती, अकोला अर्बन को-ऑपरेटिव्ह बँक,1997-1999
एक्झुक्युटीव्ह मेंबर, इंडीयन ड्रग्ज मॅनुफॅक्चरिंग असोसिएशन,(आय.डी.एम.ए.) 1996-99

 संचालक,नागपूर चेम्बर ऑफ कॉमर्स 1990-94

मेंबर-सेट्रल रेल्वे डी.आर.यु.सी.सी. कमेटी 2005-06

वर्कींग कमेटी मेंबर, विदर्भ केमीस्ट ॲन्ड ड्रगीस्ट असोसिएशन,अकोला 1959-1960 व्हाईस चेअरमन-फेडरेशन ऑफ इन्वेस्टर ट्रेडर्स ॲन्ड इंडस्ट्रियलिस्ट,नागपुर (एफ.आय.टी.आय.) मेंबर विभागीय सल्लागार समिती, एस.एस.आय.सेक्टर,सेन्ट्रल एक्साईज,कलेक्टरोरेट, नागपुर-1195-97
माजी उपप्रमुख, श्र्वेतांबर जैन संघ, रामदासपेठ, नागपुर आजिवन सदस्य, जैन सेवा मंडल, नागपुर प्रमोटर मेंबर, नागपूर स्टॉक एक्सचेन्ज

सदस्य, महाराष्ट्र ॲनिमल वेलफेअर बोर्ड

ऑननरी ॲनिमल वेलफेअर ऑफीसर, मुंबई उच्च न्यायालय कमेटी टु मॉनिटर ॲनिमल वेलफेअर लॉ.

सदस्य-अवैध मांस बिक्री और कत्तलखाने के लिए मा. न्या. उच्च न्यायालय, नागपुर खंडपीठ द्वारा स्थापीत डॉ. झाडे समिती के सदस्य 2005-2006
नॉन-आफीशियल मेंबर-नागपुर जिला प्राणी क्लेश प्रतिबंधक कमेटी ऑननरी मेंबर-सिनीयर व्हेटरनरी फाऊंडेशन, नागपुर माजी प्रेसिडेन्ट-पशुक्रुरता निवारण समिती (एस.पी.सी.ए.) नागपुर

संरक्षक-पिपल फॉर ॲनिमल (मेनका गांधी), नागपुर

सदस्य, महाराष्ट्र ॲनिमल वेलफेअर बोर्ड

ऑननरी ॲनिमल वेलफेअर ऑफीसर, मुंबई उच्च न्यायालय कमेटी टु मॉनिटर ॲनिमल वेलफेअर लॉ

पुरस्कार और सन्मान:....

1993 उद्योग गौरव पुरस्कार

 2008-09 म. फुले राष्ट्रीय सन्मान फुले भारतीय प्रतिमा संशोधन अकादमी

 1994 राष्ट्रीय उद्योग पुरस्कार

 सोरठ जैन रत्न पुरस्कार कलकत्ता एस.व्ही. समाज सोरठ-2008

 महाविर युथ क्लब द्वारा राज्यस्तरीय विशेष सन्मान पूरस्कार - 2018.

 शांती भुषण पुरस्कार - 2005

 उत्कृष्ट सामाजिक सेवाकार्य पुरस्कार - भारतीय जैन संघटना, पुना

 शासन दिपक पुरस्कार - 2005 - उत्संग्गहरं तिर्थ, नागपूरा, दूर्ग

 सहयोग सम्मान - 2017 पिपल फॉर ॲनिमल वर्धा श्रीमती मेनका गांधी हस्ते

 अहिंसा अवार्ड-जैन सेवा मंडळ, नागपुर

 विदर्भ सेवा समिती द्वारा सन्मान

 जिवन गौरव पुरस्कार 2017-हस्ते मा.प.पू. डॉ. मोहन भागवत, सरसंघचालक, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ,

गोवंश सेवा सम्मान - 2015 - प.पू. महामंळलेश्र्वर स्वामी सत्यानंदजी महाराज इंटरनेशनल प्रमुख गीता मंदिर अमेरिका के करकमलो द्वारा

 विश्र्व मंगल गोग्राम यात्रा, के समापन में कुछ विशीष्ट कार्य करने पर सम्मान पत्र 2010

 मानपत्र-विदर्भ गौशाला ट्रस्टी सम्मेलन, अमरावती नामदार गिरीशजी बापट और महादेवराव शिवणकर मंत्री सन 2017

 

परिवार श्री सौभागचन्द सावड़िया
जन्म तिथि 01/03/1936
जन्मस्थल कुतियाना गुजरात
जिला नागपुर
शहर नागपुर
शैक्षिक विस्तार डी .फार्मा
बिज़नेस / प्रोफेशन सोशल वर्क
वर्ग सामाजिक कार्य
अतिरिक्त
kanubhai Savadiya
Kanubhai.Savadiya
Jivdaya
सौजन्य
अपडेट

८४ वर्ष की आयु में जीवदया के भीष्म पुरुष कनकराय सावड़िया ने १२.०९.२०२० शनिवार को अंतिम प्रयाण किया .

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