Jatin Jain / जतिन जैन

जतिन जैन 

विदर्भ के एकमात्र जांबाज़ सुपर बाइक रेसर

Indian National Rally & Raid de Himalaya Champion

मौत को भी मात दे चुके है कई बार

थ्री .. टू ...वन एंड गो ....और फिर शुरू हुआ एक खतरों से भरा ऐसा सफर कि जरा सी नज़र चूकी तो समझो मौत ही नसीब है | हर जांबाज़ के दिल में बस एक ही जूनून है बस मंज़िल को छू लेने का, लेकिन जीत उसकी ही है, जिसके दिल में आसमान से ऊंचा हौसला है और मौत को भी उसे परवाह नहीं है | खतरों से भरे इस खेल का नाम है बाइक रेसिंग. 

विदर्भ के एकमात्र जांबाज़ बाइक रेसर की कहानी भी काफी रोमांचक है, जिनका नाम है जतिन जैन | शायद इस बात पर कोई यकीन नहीं करेगा कि जतिन एक दो नहीं बल्कि १५  - २०  बार अपनी बाइक रेसिंग के जुनून के खातिर गंभीर दुर्घटना के शिकार हो चुके है | उनके शरीर में कई ऑपरेशन व टांकों के निशान इस बात की गवाही देते है कि हौसलों के आगे मौत भी मात खा जाती है |
नागपुर शहर के ४१  वर्षीय सुपर बाइक रेसर जतिन जैन का यह खतरों से भरा सफर काफी रोमांचपूर्ण व संघर्षों से भरा है | इंदौर में जन्मे जतिन की प्रारंभिक शिक्षा, नागपुर के सेंट जॉन हाईस्कूल से हुई | यहाँ से १० वीं उत्तीर्ण करने के बाद आगे की महाविद्यालयीन शिक्षा उन्होंने जी. एस. कॉलेज से की | पिताजी श्री गणेशलाल जैन का प्लास्टिक वस्तुओं का कारोबार था अतः १० वी के बाद से ही वे उनके व्यापार में हाथ बटाने लगे | इस दौरान वे अपनी कार चुपके से उठाते और उसे चलाने के प्रयास करते | उस वक्त जतिन की उम्र महज़ १६  वर्ष रही होगी | कमाल की बात यह रही कि उन्होंने मात्र तीन माह में ही कार चलाने में महारत हासिल कर ली | 
तेज कार चलाने का उनका जुनून देखते ही बनता था | जतिन को हमेशा लगता था की  काश मै भी कार रेसिंग में हिस्सा लूं क्यूंकि उन्हें बचपन से एडवेंचर या यूँ कहें जोखिम भरे कार्य करना पसंद है | जतिन १९९४  में चेन्नई में आयोजित फार्मूला कार रेसिंग में भाग लेने के लिए पहली बार गए | वे रेसिंग के लिए क्वॉलिफॉय हुए लेकिन रेसिंग नियमों के तहत उनकी कार पूरी तरह फिट नहीं रहने के कारण पारी को रिजेक्ट कर दिया गया | इस वजह से जतिन काफी निराश हो गए, लेकिन उन्होंने आशा नहीं छोड़ी और निर्णय लिया कि क्यों न खुद की एक फार्मूला कार खरीद ली जाये ? वे बताते है कि उस वक्त उन्होंने १० लाख रुपयों में खुद की फार्मूला कार खरीदने का सौदा किया, लेकिन ऍन उसी वक्त पिताजी ने बिज़नेस पर ध्यान देने को कहा | एक ओर बिज़नेस का प्रेशर तो दूसरी ओर कार रेसिंग का जुनून,बड़ा ही धर्मसंकट सामने आकर खड़ा हो गया | अंततः जतिन अपने पिताजी के साथ साथ दुकान पर बैठने लगे, लेकिन हमेशा दिलों - दिमाग में कार रेसिंग की ही धुन रहती | करीब दो वर्षों बाद सन १९९७  में संयोग से कार रेसिंग स्पर्धा का आयोजन हुआ | यह मौका जतिन के लिए एक ऐसा सुनहरा अवसर था, जिसे वो खोना नहीं चाहते थे और अपनी प्रतिभा साबित करने के लिए यह उनके लिए बेहतर मौका था | बस हौसला किया और उस स्पर्धा में भाग लेकर विनर का ख़िताब जीता तो हर ओर इनके चर्चे गूंजने लगे | इस जीत व् उपलबिध होकर जतिन ने फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा और वर्ष २००२  तक यह सिलसिला चलता रहा | इस दरम्यान उन्होंने ५  - ६  कार रेसिंग में भाग लिया व् इसी दौरान कई बार उनकी कार भी बुरी तरह डैमेज हो गई | विशेष बात यह रही कि हर रेसिंग में प्रथम विजेता रहे | 

छाया बाइक रेसिंग का जूनून 
जतिन जैन ने ५  - ६  वर्षों तक अपनी कार रेसिंग की बदौलत इतनी प्रसिद्धि तट ली कि उनका नाम रेसिंग की दुनिया में एक जाना - पहचाना नाम हो गया | वर्ष २००२  की बात है, जब हैदराबाद में बाइक रेस का आयोजन किया गया था | इसे देखने जतिन सीधे हैदराबाद जा पहुंचे और उन्हें इस एडवेंचर राइड को देखकर लगा कि क्यों न मै भी बाइक रेसिंग में हिस्सा लूँ | यधपि बाइक रेसिंग उनका फील्ड नहीं था, सन २००३  में बड़ोदरा में आयोजित बाइक रेसिंग कॉम्पिटिशन में भाग लेने गए | संभवतः नियति भी उनकी परीक्षा ले रही थी | रेसिंग के दौरान वे अन्य साथियों से आगे अर्थात फर्स्ट नंबर पर चल रहे थे, लेकिन कुछ संतुलन चूक गया और वे बाइक सहित गिर पड़े | बात यहीं नहीं रुकी बल्कि उनकी गर्दन की हड्डी ( बोन कॉलर ) फ्रैक्चर हो गई और करीब तीन माह तक उनका उपचार चला | हैरत की बात यह रही कि इस दौरान जतिन की बाइक चलाने की प्रैक्टिस शुरू रही | दो वर्षों के अंतराल के बाद २००५  में जतिन पुनः मुस्तैदी व आत्मविश्वास के साथ बाइक रेसिंग में आए तो फिर यह खतरों का सफर कभी नहीं थमा |
सावधानी, संतुलन, साहस व सुरक्षा है अहम् 
बाइक रेसिंग दुनिया का सबसे खतरनाक खेल है | अगर ज़रा सी भी नज़र चुकी तो समझो सारा किस्सा खत्म | जतिन जैन यह कहते बताते है कि यह शौक कमजोर दिल वालों के लिए नहीं है | साहस के साथ पूरी सुरक्षा व सावधानी के साथ ही पूर्णतः शरीर व वाहन का संतुलन रखना सबसे अहम् है | ऊबड़ खाबड़ व पहाड़ी रास्तों व खाइयों को पार करते समय चंद सेकंड की देरी अथवा जल्दी जानलेवा साबित हो सकती है, इसलिए हालातों को देखते हुए परफेक्ट जजमेंट रखना एक कुशल बाइकर्स के लिए ज़रूरी है | 

माइनस १० से २० डिग्री के तापमान व बर्फीले मौसम में तथा ५० डिग्री के झुलसाने वाले टेम्प्रेचर में बाइक रेसिंग कर चुके जांबाज़ जतिन बताते है कि हमारे देश में आयोजित होने वाली बाइक रेसिंग में इंडियन नेशनल डायर्ट ट्रेक चैंपियनशिप, इंडियन मोटोक्रोप्स चैंपियनशिप, एवं इंडियन सुपरक्राप्स चैंपियनशिप प्रमुख है | वे कहते है कि विपरीत भौगोलिक स्तिथियों के हम अभ्यस्त नहीं रहते, अतः ऐसे वातावरण में राइडिंग करने के पूर्व शरीर की सुरक्षा के साथ ही अनेक छोटी - बड़ी सावधानियां रखना ज़रूरी है | खून जमा देने वाले वातावरण में जाने के पूर्व खून पतला करने की दवाइयाँ लेनी पड़ती है तो कई बार रेसिंग की दौरान हार्टबीट (ह्रदय की धड़कन ) २००  तक पहुंच जाती है | शायद कोई यकीन नहीं करेगा कि माइनस वाले तापमान में भी बाइक रेसर को इस हार्टबीट के चलते पसीना आ जाता है | सुरक्षा के तहत गाडी की टूल किट व शरीर के लिए उपयोगी हेलमेट, पैड, शूज़, ट्रैक सूट, आदि भी उच्च दर्जे के होना ज़रूरी है | 
रोमांच भरे व्यक्तिगत अनुभव 
अपने बाइक रेसिंग के व्यक्तिगत अनुभवों के बारे में जतिन जैन कहते है कि पहली बात तो यह शौक काफी महंगा, खर्चीला तथा जानलेवा है | अब तक इस शौक की खातिर मै खुद १५ - २०  बार मेजर एक्सीडेंट का शिकार हो चूका हूँ और खुद की मोटरसाइकिल तो कई बार टूट - फुट चुकी है | आम इंडियन बाइक ऐसी रेसिंग के लिए काम नहीं आती है, अतः फॉरेन बाइक से ही रेसिंग करनी पड़ती है | अमूमन एक बाइक करीब ७ से १०  लाख रुपयों की आती है और मैंने इस शौक की खातिर खुद ही फॉरेन बाइक खरीदी है | हिमालय जैसे भीषण व जानलेवा रास्तों पर बाइक चलते चलते कब ख़राब हो जाएगी बता नहीं सकते, इसलिए हर बार रेसिंग पर जाते हुए अपना पर्सनल मैकेनिक भी साथ ले जाना ज़रूरी है | २० - २५  फ़ीट ऊँची व ९०  से १००  फ़ीट लम्बी छलांग लगाते हुए जब बाइक हवा में उछलती है, तब ज़रा सी भी जजमेंट चूका तो बस दो ही बातें नज़र आती है एक मौत तो दूसरी विजय | माइनस डिग्री अथवा हाई टेम्प्रेचर वाले स्थानों पर जाने से पूर्व २ -३  दिन रहकर अपने आप को अभ्यस्त बनाना पड़ता है | 
जतिन जैन बताते है की बाइक ऐसी रेसिंग उनका जूनून है | ख़ाली वक्त में  वे रेसिंग की  प्रैक्टिस वे जारी रखते है, ऐसा बताते हुए जतिन कहते है कि इस खेल की खातिर मैं कई बार मौत के साथ अठखेलियाँ करते हुए नई ज़िन्दगी पा चूका हूँ | 
बाइक ट्रेनिंग की फ्री सेवा 
बाइक रेसिंग जैसे खतरनाक खेल का दीर्घ अनुभव रखने वाले प्रसिद्द बाइक रेसर जतिन जैन नये युवा खिलाडियों को अपने ट्रेनिंग सेंटर में पूर्णतः निःशुल्क प्रशिक्षण देते है | उनका खुद का ट्रेनिंग सेंटर कन्हान नदी के किनारे विस्तृत जगह पर स्थित है |  इनका ट्रेनिंग सेंटर एकमात्र देश का ऐसा ट्रेनिंग सेंटर है, जो खिलाडियों को मुफ्त ट्रेनिंग देता है |

जतिन चाहते है कि देश के जांबाज़ युवा बाइक रेसिंग में आएं और अपने देश का नाम रौशन करें .उनके इस ट्रेनिंग सेंटर में महाराष्ट्र, विदर्भ सहित अन्य राज्यों के युवा भी प्रशिक्षण लेने आते है और खुद जतिन के दोनों किशोरवयीन पुत्र भी वहां अपने दिल की राह अपनाते हुए बाइक रेसिंग की ट्रेनिंग ले रहे हैं | इस फ्री ट्रेनिंग सेंटर की कल्पना के पीछे अपने उद्देश्य को प्रतिपादित करते हुए जतिन कहते है कि यहाँ आने वाले खिलाडियों से भी उन्हें सीखने को मिलता है तथा खुद में भी सुधार होता है |

अपने आगामी लक्ष्य के बारे में जतिन जैन बताते है कि इस वर्ष पुनः २०१८  की तरह दक्षिण डेयर रैली एप्प्रोक्स २०००  किलोमीटर, इंडिया बजाज १५०० किलोमीटर तथा रेड डे हिमालय एप्रॉक्स २०००  किलोमीटर स्पर्धाओं में वे शामिल होंगे | अंत में वे अपनी सारी सफलताओं को श्रेय अपनी माता श्रीमती कमला जैन व पिता श्री गणेशलाल जैन के आशीर्वाद को देते है |

पुरस्कार / उपलब्धियां

>2018 Indian National Rally Champion In Group -1A

>Champion INRC Rallies at Baroda, Indore,Pune,Nasik,Coimbatore & Mangalore

>Champion 2018 Cross Country Rallies

1. Dakshin Dare Rally - Approx 2000 Kms

2. India Baja-1500 Kms

3. Raid De Himalaya -Approx 2000 Kms

>Since 2003 Have Won Several Podiums And Runner-Up In National Championship In All Type Of Off-Road Motorcycle Racing Formats In India With More Then 50 -60 Trophies

>Have Won Off Road Racing Formats Like

1. Indian National Dirt Track Championship

2. Indian Motocross Championship

3. Indian Super Crosses Championship

(Conducted Under The Permission Of The Federation Of Motor Sports Club Of India)

> Started As A Privateer And Still Ride As A Privateer Without And Factory Support Or A Sponsor

>The Sport Is One Of The Most Dangerous Sports Over The World And Over My Racing Career Have Broken Many Bones

>The Off Road Racing Needs A Lot Of Dedication, Fitness, And Training At International Level

> Lot Of International Off Road Training In USA During The Last 2 Years

>As A Privateer Since Participated In The Maximum Number Of National Championship Races In India On A Foreign Motorcycle

कॉलेज जी. एस. कॉलेज
स्कूल सेंट जॉन हाईस्कूल
शैक्षिक विस्तार बी कॉम
युवाओं के लिए संदेश There is nothing impossible in life
वर्ग खेल
प्रेरणा स्त्रोत / आदर्श व्यक्ति CHAD MARK REED SUPER CROSS WORLD CHAMPION
बिज़नेस / प्रोफेशन बिज़नेस मेन
श्रीमान / श्रीमती श्रीमती स्वीटी जैन
जिला नागपुर
शहर नागपुर
जन्म तिथि 19/10/1977
परिवार पिताजी श्री गणेशलाल जैन माता श्रीमती कमला जैन
जन्मस्थल इंदौर
विवाह तिथि २७ फरवरी २००३
अपडेट

14 MAY 2019: First time participated and achieved Podium at the 2019 edition of the Desert storm rally 
Under extreme temperatures up to 50 Degree and covered approx 2000kms in 4 days of racing 
It was held from Bikaner to Jaisalmer 

Won the 2nd place in privateer class Group-A and
2nd place in up to 250 cc class Group A on foreign Motorcycle

16 JUN 2019
FMSCI National Rally Championship- (Round -1 2019) @ Indore 16-06-19

02.DEC 2019

1st @ rally de Mangalore round of Indian national rally championship 2019

24 FEB 2020

Overall Winner Class 1A of the MRF Mogrip FMSCI National Rally Championship 2W 2019.

17.Mar 2020

International Rally debut @ Hispaniarally 2020, The only Desert Rally in Spain, Finished 5th in Class (250cc) Overall 66th out of 190 riders . Without and factory support or sponsors.

It was a 5-day rally with approx 1500kms to be covered including stages and transport rally based completely on Navigation and with around starts at 0 Degree temp

Route: it was all mix of
River beds / stony tracks/uphills/downhills/stretches where u can see dust up to a km

 

Appreciation
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