साफ सुथरी छवि ,युवा नेता ,महज २२ साल की उम्र में नगर सेवक ,२७ आयु में नागपुर के सबसे युवा मेयर, ४४ आयु में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री
फडणवीस देवेन्द्र गंगाधरराव फडणवीस महाराष्ट्र की राजनीति का वो नाम है जिसने अपने पिता से राजनीति विरासत मिलने के बावजूद अपनी अलग पहचान बनाई। फडणवीस ब्राह्मण परिवार से तालुक रखते हैं और उनके पिता गंगाधर राव राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और जनसंघ के निष्ठावान सदस्य थे।
देवेंद्र फडणवीस का जन्म २२ जुलाई १९७० को नागपुर में हुआ । उनके पिता श्री गंगाधर फडणवीस, नागपुर से महाराष्ट्र विधान परिषद के सदस्य रहे । उनकी मां सरिता फडणवीस, विदर्भ हाउसिंग क्रेडिट सोसाइटी के पूर्व निदेशक थी । श्री गंगाधर को नितिन गडकरी अपना 'राजनीतिक गुरू' कहते हैं।
देवेंद्र फडणवीस की प्रारंभिक स्कूली शिक्षा इंदिरा कॉन्वेन्ट से मिली, आपातकाल के दौरान, फडणवीस के पिता जनसंघ के सदस्य थे, सरकार विरोधी विरोध प्रदर्शन में भाग लेने के लिए जेल गये , इस घटना का देवेंद्र को आघात लगा उन्होंने अपनी पढ़ाई इंदिरा कॉन्वेन्ट से जारी रखने से इंकार कर दिया, क्योंकि वह स्कूल प्रधान मंत्री इंदिरा गाँधी के नाम थी । जिसने उनके पिता को जेल भेजा था। फिर उन्हें सरस्वती विद्यालय के स्कूल में स्थानांतरित कर दिया गया जहां उन्होंने अपनी अधिकांश स्कूली शिक्षा प्राप्त की। धरमपेठ जूनियर कॉलेज से ११ व १२वीं शिक्षा पूर्ण करने के बाद, उन्होंने पांच साल की एकीकृत कानून की डिग्री के लिए, गवर्नमेंट लॉ कॉलेज, नागपुर में दाखिला लिया, इसी दौरान १९८७ में पिता श्री गंगाधर राव का कैंसर के चलते स्वर्गवास हो गया। १९९२ में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। बिजनेस मैनेजमेंट में स्नातकोत्तर और डी.एस.ई. (जर्मन फाउंडेशन फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट) बर्लिन से प्रोडक्ट मैनेजमेंट में डिप्लोमा प्राप्त किया ।
१९८९में आरएसएस की छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में शामिल हुए । एबीवीपी के कार्यकर्ता के रूप में उन्होने जमीनी स्तर पर कार्य किया
२००६ में देवेंद्र फडणवीस की अम्रुता रनाडे से शादी हुई। इनकी एक बेटी है जिसका नाम दिविजा फडणवीस है।अमृता रानाडे प्रोफेशनल बैंकर हैं। रानाडे एक गैर राजनीतिक परिवार की पृष्ठभूमि से ताल्लुक रखती हैं।उसके माता पिता नागपुर में डॉक्टर हैं ।
राजनीतिक कैरियर कॉरपोरेटर से नागपुर के सबसे युवा मेयर बने देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र में बीजेपी के पहले मुख्यमंत्री होंगे, जिन्होंने राजनीतिक सीढ़ियां क्रमिक रूप से चढ़ी हैं । बीजेपी से अलग हो चुके सहयोगी दल शिवसेना के मनोहर जोशी के बाद वह ऐसे दूसरे ब्राह्मण नेता हैं जो मुख्यमंत्री बनें एक कॉलेज के छात्र के रूप में, फडणवीस एबीवीपी के एक सक्रिय सदस्य थे। एबीवीपी में, वह एक जमीनी स्तर पर कार्यकर्ता के रूप में शुरू हुआ उन्होंने राम नगर वार्ड से अपना पहला नगरपालिका चुनाव जीता। पांच साल बाद, नागपुर नगर निगम के सबसे कम उम्र के मेयर बने । १९९९ में, वे पहली बार महाराष्ट्र राज्य विधानसभा के लिए चुने गए।
२०१४ के विधानसभा सदस्य के रूप में चुने जाने के बाद केंद्रीय पर्यवेक्षकों, केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव की उपस्थिति में विधान भवन में एक बैठक में नए भाजपा विधायकों द्वारा विधायी दल के नेता चुने गए ,३१ अक्टूबर २०१४ को फडणवीस को भाजपा से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई ।
१२ नवंबर २०१४ को ध्वनि मत से विश्वास प्रस्ताव जीता ,मृदुभाषी और युवा नेता देवेंद्रजी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का क़रीबी माना जाता है। चुनाव प्रचार के दौरान नागपुर की सभा में मोदी ने देवेंद्रजी की खुल कर तारीफ़ की थी।
चुनावों से पहले ही “दिल्ली में नरेंद्र और महाराष्ट्र में देवेंद्र” के नारे लगने शुरू हो चुके थे। चुनाव से ठीक एक दिन पहले महाराष्ट्र के पूर्व मुख्मयंत्री और कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने फडणवीस को मुख्यमंत्री पद का सबसे योग्य चेहरा बताया था।
लेख व कवि
देवेंद्र फडणनीस का व्यक्तित्व संवेदनशील भी है। जनता के साथ व्यवहार करते समय उनका यह व्यक्तित्व नजर आता है। सामान्य मनुष्य की वेदना व चिंता उन्हे समझती है और जनता की शिकायतें गंभीरता से सुनते है। सर्वसामान्य इंसान की भूमिका अपनाकर उन एवं उनकी नजरों से वे विचार करते है। हर समस्या को सुनकर व उस पर गंभीरता से विचार कर समाधान करना उनकी एक खूबी है। अर्थशास्त्र जैसा विषय हो अथवा कविता, अनेक स्थानों पर उनकी सवेदनशीलता प्रतिबिंबित होती है।उनके द्वारा लिखित ‘हाऊ टू अंडरस्टेंड एंड रीड द स्टेट बजट’ पुस्तक की प्रशंसा राजनीतिक पंडितो, आर्थिक विषय के दिग्गजो ने की है।
कार्यशाली :
देवेंद्र फडणनीस का कथनी और करनी पर गहरा विश्वास है। जो भी काम हाथ में लिया उसे वे सही व योग्य ढंग से पूरा करके ही दम लेते है। सहायता मांगने वाला कोई भी शख्स हो, दिन या रात कोई भी वक्त हो चुनौती कितनी भी बड़ी हो, जनता की सेवा करते समय देवेंद्र फडणनीस जरा भी पीछे नहीं हटते। नागपुर युनिवर्सिटी से उन्होने विशेष गुणवत्ता के साथ कानून की पढ़ाई पूर्ण की।उच्च शिक्षित होने के बावजूद जनसामान्य से सम्पर्क बरकरार रखते हुए उत्साह के साथ जनाभिमुख काम करना उनकी विशिष्टता है। नैतिकता को कायम रखकर पारदर्शी नेतृत्व करने में वे कुशल व दक्ष राजनीतिज्ञ है।
सचिव, ग्लोबल पार्लमेंटेरिअन्स फोरम ऑन हॅबिटाट फॉर एशिया रिजन
>नागरी पायाभूत सुविधांसाठीचा वित्तपुरवठा आणि राजकीय व्यवस्थापनाच्या मुद्द्यांबाबत रिसोर्स पर्सन
>संयुक्त राष्ट्रांची मान्यता मिळालेल्या रामभाऊ म्हाळगी प्रबोधिनी, मुंबई या संस्थेच्या कार्यकारी परिषदेचे सदस्य
>नाशिक येथील सेंट्रल हिंदू मिलिटरी एज्युकेशन सोसायटी (भोसला मिलिटरी स्कूल) चे उपाध्यक्ष
>नागपूर जिल्हा बास्केटबॉल असोसिएशनचे अध्यक्ष
>राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपूर विद्यापीठाचे सिनेट सदस्य
>आंतरराष्ट्रीय होनोलुलू, अमेरिका येथे इंटरनॅशनल एनव्हायरमेंट समिटमध्ये सहभाग आणि सादरीकरण
>१९९९ अमेरिकेतील वॉशिंग्टन व नॅशविले येथे यू. एस. नॅशनल कॉन्फरन्स ऑफ स्टेट लेजिस्लेचर्स
>२००५ स्वित्झर्लंडमध्ये दावोस येथे आयडीआरसी – युनेस्को – डब्ल्यूसीडीआर यांनी आयोजित केलेल्या ‘डिझास्टर मिटिगेशन अँड मॅनेजमेंट इन इंडिया’ या विषयावरील आंतराष्ट्रीय शिखर परिषदेत सादरीकरण
>२००६ चीनमध्ये बीजिंग येथे डब्ल्यूएमओ – ईएसएसपी यांनी आयोजित केलेल्या ग्लोबल एनव्हायरमेंटल चेंज काँग्रेसमध्ये ‘नॅचरल डिझास्टर्स मिटिगेशन – इश्युज ऑन इकॉलिजिकल अँड सोशल रिस्क’ या विषयी सादरीकरण
>डेन्मार्कमध्ये कोपेनहेगेन येथे आशिया व युरोपमधील तरूण राजकीय नेत्यांच्या आसेम परिषदेत भारताचे प्रतिनिधीत्व
>२००७ अमेरिकेच्या संघराज्य शासनाच्या ईस्ट – वेस्ट सेंटरतर्फे आयोजित न्यू जनरेशन सेमिनारमध्ये ‘एनर्जी सिक्युरिटी इश्युज’ या विषयावर शोधनिबंध सादर
>२००८ ऑस्ट्रेलिया, न्यूझिलँड आणि सिंगापूरला गेलेल्या कॉमनवेल्थ पार्लमेंटरी असोशिएशनच्या उच्चस्तरीय प्रतिनिधीमंडळाचे सदस्य
>२००८ रशियात मॉस्को येथे भेट देणार्या इंडो रशिया चेंबर ऑफ कॉमर्सच्या शिष्टमंडळाचे सदस्य
>२०१० युरोपमध्ये क्रोएशिया येथे ‘ग्लोबल पार्लमेंटरियन फोरम ऑन हॅबिटाट’मध्ये सहभाग
>२०११ मलेशियामध्ये ‘जीपीएच एशिया रिजनल मीट’मध्ये सहभाग
>२०१२ केनियातील नैरोबी येथे ‘युनायटेड नेशन्स हॅबिटाट’ने निमंत्रित केलेल्या शिष्टमंडळाचे सदस्य
>२०१२ पुरस्कार कॉमनवेल्थ पार्लमेंटेरियन असोसिएशन तर्फे वर्ष २००२ – २००३ साठीचा सर्वोत्कृष्ट संसदपटू पुरस्कार
>राष्ट्रीय आंतर विद्यापीठ वादविवाद स्पर्धेत सर्वोत्कृष्ट वक्ता पुरस्कार
>रोटरीचा मोस्ट चॅलेंजिंग यूथ विभागीय पुरस्कार
>मुक्तछंद, पुणे या संस्थेतर्फे स्वर्गीय प्रमोद महाजन यांच्या स्मृतीप्रीत्यर्थ सर्वोत्कृष्ट संसदपटू पुरस्कार
>नाशिक येथील पूर्णवाद परिवारतर्फे राजयोगी नेता पुरस्कार